अमित शाह पहली बार लोकसभा में पेश करेंगे जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल
अमित शाह आज जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश, 2019 बिल को लोकसभा में पेश करेंगे. इस विधेयक का उद्देश्य राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले अध्यादेश की जगह लेना है.
नई दिल्लीः आज लोकसभा में आज दो बिल पेश किए जाएंगे. आधार और अन्य कानून (संशोधन) विधेयक, 2019 को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद पेश करेंगे तो वहीं जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश, 2019 बिल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पेश करेंगे. बतौर गृह मंत्री और लोकसभा सांसद अमित शाह का यह पहला बिल है.
जम्मू-कश्मीर में आरक्षण को लेकर इस बिल को संसद में पेश किया जाएगा. इस विधेयक को पहले अध्यादेश के रूप में लागू किया गया था. 28 फरवरी को केंद्रीय कैबिनेट ने 'जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश, 2019' को मंजूरी दी थी. कैबिनेट की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भी इस बिल पर अपना हस्ताक्षर कर दिया था.
जम्मू और कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 में संशोधन करते हुए यह अध्यादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले लोगों को भी आरक्षण का लाभ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास रहने वाले लोगों की तरह प्रदान करता है.
किसे मिलेगा लाभ
इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य है जम्मू-कश्मीर में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करना. नए कानून से जम्मू-कश्मीर में आर्थिक रूप से कमजोर किसी भी धर्म या जाति के युवाओं को राज्य सरकार की नौकरी में लाभ मिल सकता है. जनवरी 2019 में 103वें संविधान संशोधन के जरिए देश के बाकी हिस्सों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया था.
क्या है आधार बिल
आज आधार और अन्य कानून (संशोधन) विधेयक, 2019 पेश किया जाएगा. ये संशोधन यूआईडीएआई को जनहित की सेवा करने और आधार के दुरुपयोग को कम करने के लिए अधिक मजबूती देगा. कानून में नए संशोधन के बाद किसी भी व्यक्ति को अपनी पहचान बताने के लिए आधार कार्ड दिखाने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा.
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