नई दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्हें हाल में कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव में प्रतिकूल परिणामों से मनोबल गिराने की जरूरत नहीं है क्योंकि विरोधी जीते जरूर हैं लेकिन बीजेपी हारी नहीं है. बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद के अधिवेशन में दूसरे दिन अपने संबोधन में यह बात कही. ’’


शाह ने कहा कि बीजेपी ने इन राज्यों में अपनी जमीन नहीं खोई है जबकि उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की कोई जमीन नहीं है. शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि 2019 एक मौका है जब एक मजबूत सरकार बनाने की नींव डाल सकते हैं.


शाह ने शनिवार को एक बार फिर जोर दे कर कहा कि देश की सुरक्षा, विकास और गौरव के लिये 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का जीतना जरूरी है और इसके लिये चाहे जितने दल एकजुट होना चाहें, एकजुट हो जाएं. बीजेपी जीत दर्ज करेगी. शाह ने कहा कि बीजेपी मुकाबले को तैयार है और 2019 में विजय प्राप्त करनी ही है.


अमित शाह ने दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सत्ता और स्वार्थ के गठजोड़ में जितने लोग इकट्ठा होना चाहते हैं वो एक साथ आ जाएं, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता मोदी जी के नेतृत्व में 50% (मत प्रतिशत) तक की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. ’’


उन्होंने कहा कि देशभर में छोटी-छोटी पार्टियों ने बीजेपी का साथ देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने सभी दलों को एकत्रित किया है. ये सभी नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के विकास यज्ञ में समिधा डालने को तैयार हैं.’’ शाह ने कहा कि यहां से जाने के बाद हम सभी के लिए एक ही मंत्र है कि 2019 में बीजेपी को विजयी बनाएं और नरेन्द्र मोदी को फिर से प्रचंड बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बनाएं.


बीजेपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टीकरण जैसे तीनों नासूर भारतीय राजनीति में कांग्रेस की देन हैं. उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम देश को इन तीनों नासूरों से मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं को एक-एक वोटर के साथ मिलकर जनसंपर्क का कार्य करना है.


शाह ने कहा कि 2019 में अगर हम प्रचंड बहुमत से जीतते हैं तब 2019 के बाद लम्बे समय तक पंचायत से संसद तक हम बने रहेंगे. उत्तरप्रदेश में सपा और बसपा समेत विपक्षी दलों के साथ आने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह गठबंधन सत्ता और स्वार्थ का गठबंधन है. एक बार तो मुकाबला होना ही था. ऐसे में बीजेपी को विजय प्राप्त करनी ही है.