नई दिल्ली: यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के गढ़ रायबरेली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह रैली आज कर रहे हैं. उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रहेंगे. बीजेपी ने दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और दिनेश शर्मा को भी मौजूद रहने को कहा है. रैली में भीड़ जुटाने के लिए सांसद और विधायक जुटे हुए हैं. अमित शाह की सभा के बहाने बीजेपी रायबरेली में अपनी ताकत दिखाना चाहती है. रैली दोपहर 1 बजे जीआईसी ग्राउंड में होगी.


रायबरेली में रैली के बारे में फ़ैसला बीजेपी अध्यक्ष ने लखनऊ के पिछले दौरे में ही ले लिया था. कर्नाटक में चुनाव प्रचार छोड़ कर अमित शाह सोनिया के संसदीय क्षेत्र में आ रहे हैं. तो इसके राजनैतिक नफ़ा नुक़सान की चर्चा तो ज़रूर हो रही है.


अमित शाह आख़िर रायबरेली में क्यों रैली कर रहे हैं?
इस सवाल के दो जवाब हैं. कांग्रेस के एमएलसी दिनेश सिंह को बीजेपी में शामिल कराया जायेगा. उनके एक भाई राकेश सिंह कांग्रेस से विधायक हैं. वे अभी वहीं बने रहेंगे. पार्टी छोड़ने पर उनकी सदस्यता जा सकती है. दिनेश के एक भाई अवधेश ज़िला पंचायत अध्यक्ष हैं. इस परिवार का कांग्रेस छोड़ना पार्टी के लिए एक झटका है.


सोनिया गांधी के क़रीबी रहे दिनेश को पार्टी ने दूसरी बार एमएलसी बनाया है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी से कांग्रेस पर हमले करने में वे असरदार हो सकते हैं. सोनिया गांधी पिछले 14 सालों से रायबरेली की सांसद हैं. लेकिन क्या वे अगला लोकसभा चुनाव लड़ेंगी? ये भी बड़ा सवाल बना हुआ है. चर्चा प्रियंका गांधी वाड्रा की भी होती रही है. इस बात को लेकर तस्वीर साफ़ नहीं हुई है. लेकिन बीजेपी ने सोनिया के गढ़ में कांग्रेस को घेरने की तैयारी तेज़ कर दी है.


रायबरेली की 5 विधान सभा सीटों में से तीन पर बीजेपी और एक एक सीट पर कांग्रेस और एसपी का क़ब्ज़ा है. पिछली बार सोनिया गांधी को 5 लाख 26 हज़ार वोट मिले थे. जबकि बीजेपी के उम्मीदवार को सिर्फ़ 1 लाख 73 हज़ार वोट ही मिले थे. पास की अमेठी लोक सभा क्षेत्र में पिछला मुक़ाबला दिलचस्प रहा था. राहुल गांधी और बीजेपी की स्मृति ईरानी के बीच एक लाख वोटों का ही अंतर था.