Amit Shah To Visit Manipur: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार (25 मई) को कहा कि वो हिंसा प्रभावित मणिपुर जाएंगे. उन्होंने कहा कि वो सभी विवादों को सुलझाने के लिए राज्य की तीन दिनों की यात्रा पर रहेंगे, लेकिन सभी समूहों को शांति बनाए रखनी चाहिए. 


गुवाहाटी के राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविघालय (NATIONAL FORENSIC SCIENCES UNIVERSITY) के परिसर की आधारशिला रखते हुए शाह ने कहा कि मणिपुर के लोगों से सभी विवादों को बातचीत के माध्यम के जरिए सुलझाने की अपील करता हूं.


दरअसल हाल ही राज्य में हुई हिंसा के दौरान सैकड़ो घर जला दिए गए थे और इसमें कई लोगों की जान चली गई थी. इसके बाद सेना को बुलाया गया. कई दिनों तक कर्फ्यू रहा और इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई. अमित शाह का ये बयान ऐसे समय जब कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि वो असम के गुवाहटी गए हुए हैं, लेकिन मणिपुर नहीं जा रहे.  


कांग्रेस ने क्या कह रही है?
कांग्रेस ने मणिपुर में पिछले दिनों हुई हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर चुप्पी साधने के आरोप लगाए. पार्टी ने कहा कि यह एक सीमावर्ती राज्य है और वहां की स्थिति को गंभीरता से लिया जाना चाहिए. पार्टी ने मणिपुर की स्थिति का जायजा लेने के लिए हाल में तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को वहां भेजा था. इसमें पूर्व अधिकारी और नेता अजय कुमार भी शामिल थे.


अजय कुमार ने दावा किया कि राज्य में 54,000 लोग बेघर हो गए, 20 थाने जला दिए गए और 2,000 मकान जल गए. हिंसा के दौरान 6,000 गोलियां, 1,000 सेमी-ऑटोमेटिक, ऑटोमेटिक हथियार लूट लिए गए. पांच मंदिरों, 200 गिरजाघरों को जला दिया गया. उन्होंने कहा कि इस स्थिति के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव में व्यस्त थे. अब तक कोई केंद्रीय मंत्री मणिपुर नहीं गया. यह चुप्पी क्यों है?


मामला क्या है?
मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने की मांग के विरोध में तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थी, ये मामला इतना बढ़ा कि सामान्य स्थिति की बहाली के लिए लगभग 10,000 सैन्य और अर्ध-सैन्य कर्मियों को तैनात करना पड़ा.