मुंबईः शिवसेना ने सहकारिता मंत्रालय बनाने के केंद्र के फैसले का सोमवार को स्वागत करते हुए कहा कि गृह मंत्री अमित शाह "अच्छा काम" करेंगे क्योंकि वह गुजरात में सहकारिता आंदोलन का हिस्सा रहे हैं. शाह को इस नये विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के एक संपादकीय में यह भी कहा गया है कि राजनीति और सहकारिता के क्षेत्र में बहुत अंतर नहीं है, और ''सब कुछ सुविधा के अनुसार होता है.''
'परेशान होने की जरूरत नहीं'
संपादकीय में लिखा है, ''अगर अमित शाह ने सहकारी क्षेत्र के विकास और विस्तार का फैसला किया है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. लोगों में यह डर पैदा करने की कोशिश की जा रही है कि शाह कांग्रेस और राकांपा के नेताओं के पुराने मामलों की जांच शुरू करेंगे और 'सहकारिता' से महाराष्ट्र में सरकार बनाएंगे. हालांकि, ऐसा कहना शाह को बदनाम करने जैसा है.''
सब कुछ सुविधा के अनुसार
इसमें लिखा है, ''अच्छे और बुरे, सच्चे और झूठे, नैतिक और अनैतिक जैसे गुणों के मामले में राजनीति और सहकारी क्षेत्रों में ज्यादा अंतर नहीं है. सब कुछ सुविधा के अनुसार होता है. अंत में, राजनीति में हर कोई समान है.''
बता दें कि मंत्रालय के गठन के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने रविवार को कहा था कि केंद्र राज्य के सहकारी क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है.
केंद्र सरकार ने हाल ही में सहकारिता के लिए एक नया मंत्रालय बनाया है, जो पहले कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में एक छोटा विभाग था. अमित शाह ने शनिवार को कहा कि सरकार सहकारी समितियों और सभी सहकारी संस्थानों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
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