अमित शाह बोले-राजनीतिक हत्याओं के लिहाज से पश्चिम बंगाल शीर्ष पर, श्वेत पत्र लाए ममता सरकार
राज्यपाल जगदीप धनखड़ और प्रदेश सरकार के बीच टकराव पर अमित शाह ने कहा कि राज्यपाल अपने संवैधानिक दायरे के तहत काम कर रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कहा कि वह राज्य में राजनीतिक हत्याओं पर श्वेत-पत्र लेकर आएं. उन्होंने हैरानी जताई कि प्रदेश सरकार ने क्यों राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) को अपराध के आंकड़े नहीं भेजे. संशोधित नागरिकता कानून के लागू होने का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि कानून अपनी जगह है और यह केंद्र सरकार का संकल्प है.
अमित शाह ने कहा, “विकास के नए युग में हम एक मजबूत बंगाल बनाने का लक्ष्य रखते हैं. ममता बनर्जी अपने भतीजे को अगला मुख्यमंत्री बनाने का लक्ष्य रखती हैं.” उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल सरकार ने 2018 से एनसीआरबी को अपराध के आंकड़े नहीं भेजे हैं. मैं कहना चाहता हूं कि ममता बनर्जी राजनीतिक हत्याओं पर श्वेत-पत्र लेकर आएं. राजनीतिक हत्याओं के लिहाज से बंगाल शीर्ष पर है.”
राज्यपाल के खिलाफ इस्तेमाल शब्द अस्वीकार्य
राज्य में सरकारी अधिकारियों का राजनीतिकरण और अपराधीकरण होने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “पश्चिम बंगाल में तीन कानून हैं- एक भतीजे के लिये, एक अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण के लिये और एक आम लोगों के लिये.” राज्यपाल जगदीप धनखड़ और प्रदेश सरकार के बीच टकराव पर शाह ने कहा कि राज्यपाल अपने संवैधानिक दायरे के तहत काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “राज्यपाल के खिलाफ इस्तेमाल शब्द अस्वीकार्य हैं. मैं जानना चाहूंगा कि (दार्जिलिंग) के जिलाधिकारी कहां हैं जिन्हें राज्यपाल से मुलाकात के बाद हटाया गया था.”
पांच साल के लिए पीएम मोदी को मौका दें
अमित शाह ने अपील करते हुए कहा कि आपने ममता बनर्जी को मौका दिया है और अब पांच साल के लिए पीएम मोदी को मौका दें. उन्होंने आगे कहा, ''मैं बंगाल की जनता को आश्वस्त करने आया हूं कि आपने कांग्रेस को भी 1 मौका दिया, कम्युनिस्टों को भी बार-बार मौके दिए और 2 मौके ममता बनर्जी को दिए. एक मौका पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को दे दीजिए, हम 5 वर्ष के भीतर सोनार बांग्ला बनाने का वादा करते हैं.''
अमित शाह ने कहा, ''कम्यूनिस्ट शासन से त्रस्त होकर ममता बनर्जी के हाथों में बंगाल की कमान दी गई थी. मगर आज मां, माटी और मानुष का नारा तुष्टिकरण, तानाशाही और टोलबाजी में परिवर्तित हो गया है. तृणमूल सरकार जनता की अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर सकी है.''