यमुना में अमोनिया की मात्रा में हुआ भारी इजाफा, आज दिल्ली के इन इलाकों में पड़ेगा पानी की सप्लाई पर असर
राजधानी दिल्ली में रहते हैं तो ये खबर आपके काम की है क्योंकि यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने के चलते कई इलाकों में पानी की सप्लाई बाधित रह सकती है. जानें आपके इलाके में क्या स्थिति रहने वाली है.
नई दिल्लीः दिल्ली में यमुना में अमोनिया का स्तर चिंताजनक हो गया है. वहीं दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने मंगलवार को कहा कि यमुना में अमोनिया का स्तर अधिक होने के कारण शहर के कुछ हिस्सों में पानी की आपूर्ति प्रभावित रहेगी. एक बयान में कहा गया, "वज़ीराबाद तालाब में यमुना में अमोनिया का स्तर अधिक है इस वजह से वज़ीराबाद, चंद्रावल और ओखला जल उपचार संयंत्रों में पानी का उत्पादन घट गया है.”
इन क्षेत्रों में बुधवार को जल की आपूर्ति रहेगी प्रभावित जल बोर्ड ने कहा है कि यमुना में अमोनिया का स्तर कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं इसलिए बुधवार को कई क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति प्रभावित रहेगी. बता दें कि इन क्षेत्रों में सिविल लाइंस, हिंदू राव अस्पताल, कमला नगर, शक्ति नगर, करोल बाग, पहाड़ गंज, NDMC क्षेत्र, राजिंदर नगर, पटेल नगर, इंद्रपुरी, कालकाजी, गोविंदपुरी, तुगलकाबाद, संगम विहार, अम्बेडकर, प्रहलादपुर, दिल्ली गेट, सुभाष पार्क, मॉडल टाउन, गुलाबी बाग, पंजाबी बाग, जहांगीरपुरी, मूलचंद, साउथ एक्सट्रीम, ग्रेटर कैलाश, बरारी, छावनी क्षेत्रों और दक्षिण दिल्ली के कुछ हिस्से शामिल हैं.
पिछले साल 5 बार संयंत्रों में पानी का उत्पादन रोका गया
गौरतलब है कि यमुना में अमोनिया के उच्च स्तर ने दिल्ली जल बोर्ड को पिछले साल कम से कम पांच बार अपने संयंत्रों में पानी के उत्पादन को कम करने या रोकने के लिए बाध्य किया था. वहीं अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली जल बोर्ड के जल उपचार संयंत्र नदी के पानी में 0.9 पीपीएम तक अमोनिया सांद्रता का उपचार कर सकते हैं.यदि अमोनिया की मात्रा इससे अधिक है, तो ऊपरी गंगा नहर या मुनक नहर से कच्चे पानी ताजे पाने के साथ डायल्यूट किया जाता है. अगर डायल्यूशन के लिए पर्याप्त ताजा पानी उपलब्ध नहीं है, तो प्लांट की उत्पादन क्षमता कम हो जाती है या वे अस्थायी रूप से बंद हो जाते हैं।
बता दें कि हाल ही में, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा नियुक्त यमुना निगरानी समिति ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिल्ली में नदी में उच्च स्तर पर अमोनिया के प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने और 10 जनवरी तक एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा था.
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