Gujarat: गुजरात पुलिस का हाल ही में मुसलमानों को लाठी से बुरी तरह मारने वाला वीडियो सामने आया था. मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty international) ने इसे एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन बताया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि यह कानून के प्रति अनादर को दर्शाता है. 


दरअसल, गुजरात के खेड़ा जिले के उधेला गांव में मंगलवार (4 अक्टूबर) को हुई इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसमें कई मुस्लिम पुरुषों को एक पोल से बांधकर सिविल कपड़े पहने कुछ पुलिसकर्मी लाठी से पीटते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ इस पूरी घटना को देखने वाली जनता भारत माता की जय के नारे लगातार तालियां बजाती नजर आ रही है. 


एमनेस्टी ने बताया मानवाधिकार का उल्लंघन 


जानकारी के मुताबिक जिन लोगों को पीटा जा रहा है उनपर पुलिस ने एक हिंदू धार्मिक आयोजन में पत्थर फेंकने का आरोप लगाया था. इतना ही नहीं उन्हें पीटने के बाद भीड़ से माफी मांगने के लिए कहा गया और फिर उन्हें पुलिस वैन में डाल दिया गया. इसे लेकर एमनेस्टी ने एक ट्वीट में कहा है कि गुजरात पुलिस का ऐसा वीडियो सामने आना, जिसमें पोल से बांधकर लोगों को पीटा जा रहा है यह गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन है और कानून के शासन के प्रति अनादर को दर्शाता है. 






एमनेस्टी ने बताया सिद्धांतों की अनदेखी 


एमनेस्टी इंटरनेशनल ने गुजरात पुलिस को याद दिलाते हुए कहा कि लॉ एनफोर्समेंट एक्शन के लिए सजा कभी भी एक  उद्देश्य नहीं है. भले ही कम घातक हथियारों का इस्तेमाल किया गया हो, लेकिन इस तरह से किसी को सजा नहीं दी जा सकती है. उन्होंने इसे सिद्धांतों की अनदेखी करार दिया है. 


मुस्लिम पुरुषों ने गरबा के दौरान फेंके थे पत्थर 


वहीं, खेड़ा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश गढिया ने अल जज़ीरा को बताया कि वीडियो में मुस्लिम पुरुषों ने गरबा के दौरान लोगों पर कथित रूप से पत्थर फेंके थे. गढिया ने कहा कि इलाके के मुसलमानों ने एक मस्जिद के पास आयोजित होने वाले कार्यक्रम पर आपत्ति जताई थी, जिससे हिंदू समुदाय में तनाव पैदा हो गया था. यह पूछे जाने पर कि क्या मुसलमानों को सार्वजनिक रूप से मारने वाले पुलिस अधिकारी कानूनी हैं, गढ़िया ने कहा कि इसकी जांच की जा रही है. 


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