कोलकाताः चक्रवाती तूफान 'उम्पुन' साल 1999 के बाद भारत में आने वाला यह दूसरा प्रचंड चक्रवातीय तूफान है. 'उम्पुन' ने पश्चिम बंगाल में काफी तबाही मचाई है. पश्चिम बंगाल ने राज्य में 'उम्पुन' चक्रवात से प्रभावित इलाकों में आवश्यक सेवाओं की बहाली के लिए शनिवार को सेना, रेलवे और बंदरगाह से मदद मांगी है. सरकार ने निजी संस्थाओं से भी इस उद्देश्य के लिये कर्मियों और उपकरणों को उपलब्ध कराने को कहा है.
गृह विभाग ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा कि प्रदेश सरकार ने एकीकृत कमान के तौर पर आवश्यक आधारभूत ढांचों और सेवाओं को बहाल करने के लिए अधिकतम ताकत झोंक दी है. गृह विभाग की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि 'सेना की मदद मांगी गई है, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के दस्ते तैनात हैं. रेलवे, बंदरगाह और निजी क्षेत्र से भी आपूर्ति दल और उपकरणों के लिए अनुरोध किया गया है.' विभाग ने कहा कि पीने का पानी और पानी की निकासी के लिए आधारभूत ढांचे को तेजी से बहाल किया जा रहा है. लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग से उन इलाकों में पानी की थैलियां वितरित करने के कहा गया है.
गृह विभाग ने कहा कि 'जहां जरूरत है वहां जनरेटरों को किराये पर लिया जा रहा है. विभिन्न विभागों और निकायों के 100 से ज्यादा दल गिरे हुए पेड़ों को काटने में लगे हुए हैं. इससे मुहल्लों में बिजली की आपूर्ति बहाल करने के लिये मदद मिलेगी.' गृह विभाग ने बताया कि डब्ल्यूबीएसईडीसीएल और सीईएससी से अधिकतम कर्मियों को लगाने को कहा गया है यद्यपि लॉकडाउन की वजह से तैनाती क्षमता काफी प्रभावित हुई है. वही राज्य पुलिस विभाग को हाई अलर्ट पर रखा गया है.'
कोलकाता और पड़ोसी जिलों में चक्रवात के तीन दिन बाद भी बिजली, पानी की आपूर्ति बहाल नहीं होने पर लोगों के प्रदर्शन के बाद यह घोषणा की गई. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से धैर्य बनाए रखने को कहा है क्योंकि प्रशासन सामान्य स्थिति बहाल करने में लगातार लगा हुआ है. 'उम्पुन' चक्रवात की वजह से राज्य में 86 लोगों की जान चली गई और कम से कम 14 जिलों में आधारभूत ढांचों को खासा नुकसान पहुंचा है.
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