Matoshree Hanuman Chalisa Row: मुंबई में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पाठ करने के एलान और उसके बाद गिरफ्तार हुईं अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा को फौरन मेडकल सहायता उपलब्ध कराने के लिए उनके वकील ने भायखला जेल के सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस को चिट्ठी लिखी है. वकील रिजवान मर्चेंज की तरफ से लिखी गई इस चिट्ठी में नवनीत राणा को अर्जेंट मेडिकल सहायता दिए जाने को कहा गया है.


चिट्ठी में कहा गया है कि कई घंटे तक जमीन पर बैठाया गया और सोने पर मजबूर किया गया, जिससे उन्हें स्पॉंडोलाइसेस का पेन हुआ और कई बार बोलने के बाद जे. जे. अस्पताल इलाज के लिए 27 अप्रैल को भेजा गया. इसमें आगे कहा गया है कि अस्पताल ने सीटी स्कैन की बात कही, लेकिन इसके बाद भी ये सुविधा उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई.


वकील की तरफ से आगे कहा गया है कि अगर नवनीत राणा को कुछ भी होता है तो आप जिम्मेदार होंगे. रिजवान ने कहा कि नवनीत राणा को स्पोंडलेसिस की समस्या है और जेल में लगातार फ़र्श पर बैठने और लेटने की वजह से समस्या बढ़ रही है, इसी सब को देखते हुए नवनीत राणा को 27 एप्रिल को JJ अस्पताल ले ज़ाया गया था.


JJ अस्पताल के डॉक्टर ने ख़ासतौर से लिख कर दिया है की इनका सिटी स्कैन करना अनिवार्य है, ताकि समझ सके कि स्पोंडेलिसिस की समस्या कितनी गम्भीर है, पर सम्बंधित अथॉरिटीज़ ने ऐसा नही किया और जब तक ऐसा नही होगा तब तक क्या दवा देनी है क्या इलाज करना है वो तय कर पाना कठिन है. उन्होंने कहा कि संबंधित अथॉरिटीज़ को हमने निवेदन किया पर हमारे निवेदन को माना नही गया है.  इस वजह से हमारा कहना है की अगर नवनीत राणा की समस्या और भी बढ़ती है और उन्हें कुछ होता है तो इसके ज़िम्मेदार आप होंगे.


इधर, भायखला जेल के सुपरिटेंडेंट यशवंत फड के मुताबिक, जेजे अस्पताल के डॉक्टर्स ने हमें कहा था की आप किसी फिजीशियन से ओपिनियन लीजिए और फिर उनके ओपिनियन के आधार पर इलाज की प्रक्रिया आगे बढ़ाईये. उन्होंने कहा कि सीधे सीटी स्कैन करने के संदर्भ में नहीं कहा गया है. नवनीत राणा की सुरक्षा का पुख्ता़ इंतजाम करने के बाद हम आज या अगले 1-2 दिन में किसी फिजीशियन से ओपिनियन लेंगे.


नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा की जमानत याचिका पर सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया है. जिसके बाद अब सोमवार को फैसला सुनाया जाएगा. नवनीत राणा की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था. तभी से ये दंपत्ति जेल में है. जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान करीब ढाई घंटे तक दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी दलीलें रखीं.


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