Navneet Rana Certificate Case: सुप्रीम कोर्ट ने अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत कौर राणा को फर्जी कास्ट सर्टिफिकेट मामले में गुरुवार (4 अप्रैल) को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश पलट दिया है. नवनीत के एससी सर्टिफिकेट को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था. वह महाराष्ट्र की अमरावती सीट से सांसद हैं, जो अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है. कोर्ट ने कहा था कि नवनीत ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए कास्ट सर्टिफिकेट बनवाया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने जून, 2021 में नवनीत राणा के एससी कास्ट सर्टिफिकेट को खारिज करते हुए उन पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. कास्ट सर्टिफिकेट खारिज किए जाने के बाद नवनीत की सांसदी भी खतरे में आ गई थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें राहत तो मिली ही है, साथ ही उनके आगे अमरावती सीट से चुनाव लड़ने का रास्ता भी साफ हो गया है. इस बार लोकसभा चुनाव में नवनीत बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर अमरावती से मैदान में उतरने वाली हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- HC को केस में दखल देने की जरूरत नहीं
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्क्रूटनी कमिटी ने सभी पक्षों को सुनकर फैसला लिया है. कमिटी ने जांच पड़ताल कर और सभी दस्तावेजों को देखने के बाद कास्ट सर्टिफिकेट जारी किया था. हाईकोर्ट को इस मामले में दखल देने की जरूरत नहीं थी. इस फैसले के मतलब यह है कि 2019 में नवनीत का लोकसभा निर्वाचन वैध था और इस बार भी उनके चुनाव लड़ने में कोई अड़चन नहीं है. नवनीत राणा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 2019 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी.
नवनीत राणा के खिलाफ क्या था केस?
नवनीत राणा पर अमरावती की आरक्षित सीट से 2019 लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए एससी कास्ट सर्टिफिकेट बनवाने के लिए फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल करने का आरोप था. 8 जून, 2021 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था कि नवनीत के जरिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके 'मोची' जाति का कास्ट सर्टिफिकेट बनवाया गया. कोर्ट ने अमरावती की सांसद पर 2 लाख का जुर्माना भी लगाया था. अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह 'सिख-चमार' जाति से थीं. इसके बाद नवनीत राणा ने सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी.
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