Navneet Rana On Amravati Murder: महाराष्ट्र के अमरावती जिले में नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के समर्थन में व्हाट्सएप मैसेज करने को लेकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई. ये हत्या उदयपुर हत्याकांड (Udaipur Murder Case) से ठीक एक हफ्ते पहले हुई थी. इस मामले को लेकर अमरावती की सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को पत्र लिखकर राज्य पुलिस पर मामले को दबाने के आरोप लगाए और अमरावती (Amravati) की कमिश्नर आरती सिंह को हटाने की मांग की. सांसद नवनीत राणा ने इस मामले को लेकर एबीपी न्यूज़ से बात की. उन्होंने अमरावती में हुई हत्या को पुलिस की नाकामी बताया है. 


उन्होंने कहा कि अमरावती की कमिश्नर ने केस को दबाने की कोशिश की है. कुछ महीने पहले भी अमरावती में दंगे हुए थे तब भी मैंने आवाज उठाई थी. मैंने जांच की मांग की थी, लेकिन राज्य सरकार ने कोई जांच नहीं की. दंगों के आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. अभी जो घटना हुई उसको लेकर मैंने पुलिस से बात की तो पुलिस की ओर से कहा गया कि ये चोरी का मामला है. इसके बाद हमने उमेश कोल्हे (Umesh Kolhe) के परिवार से बात की. उन्होंने कहा कि वे बहुत सज्जन व्यक्ति थे उनका किसी से कोई झगड़ा नहीं था. 


12 दिनों तक पुलिस और सरकार ने मामला दबाया


नवनीत राणा ने कहा कि उदयपुर की तरह ही अमरावती में भी ये हत्या हुई. अगर चोरी की मंशा से कोई हमला करता तो पैसे भी तो चुराता, पैसे तो उमेश कोल्हे के बेटे के पास थे फिर उन्हें क्यों मारा गया. 12 दिनों से कांग्रेस की मंत्री, महाराष्ट्र पुलिस और अमरावती की कमिश्नर आरती सिंह ने ये मामला बाहर क्यों नहीं आने दिया. हमने फिर केंद्रीय गृह मंत्री, एनआईए, सीआईए को पत्र लिखा कि हमें राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं है, क्योंकि सरेआम चाकू घोंपकर हत्या की जाती है और पुलिस उसी चोरी का मामला बताती है. 


एनआईए आई तो पुलिस कमिश्नर ने पीसी की


उन्होंने कहा कि हमने देवेंद्र फडणवीस से भी बात की, उन्होंने फिर गृह मंत्रालय को जानकारी दी जिसके बाद इस मामले में जांच शुरू हुई. एनआईए जब जांच के लिए आई तो आज अमरावती की कमिश्नर ने पीसी करके कहा कि ये घटना भी उदयपुर की घटना की तरह ही है. मेरा सवाल है कि इतने दिन तक मामला क्यों छुपाया गया? मुख्य आरोपी को अब तक क्यों नहीं पकड़ा गया? यहां जो सरकार थी उसने किस वोटर्स को खुश रखने के लिए ये खेल रचा? 


एमवीए सरकार पर लगाए आरोप


नवनीत राणा ने एमवीए सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में जो उद्धव ठाकरे की सरकार में उथल पुथल मची थी उस दौरान ये हत्या हुई. अगर ये मामला बाहर आ जाता तो तभी और विधायक उद्धव ठाकरे की सरकार का साथ छोड़े देते. इसलिए मामला दबाया गया और चींजे बाहर नहीं आने दी गई. पिछली सरकार में बेगुनाह लोगों को जेल भेजा गया, हनुमान चालीसा पढ़ने पर देशद्रोह लगा, ऐसी कई घटनाएं हुई पिछले ढाई साल में. एमवीए सरकार ने वोट की राजनीति के लिए ये सब किया. पिछली सरकार पर हमें भरोसा नहीं था इसलिए हमने मामले को लेकर केंद्र को पत्र लिखा. पहली बार राज्य के इतिहास में हिंदुत्व को लेकर सरकार का तख्तापलट हुआ है. 


अमरावती हत्याकांड में बाहरी लोगों का हाथ


उन्होंने कहा कि उदयपुर और अमरावती में दोनों लोगों को केवल हिंदू विचारधारा को लेकर लगाए गए पोस्ट के लिए मार डाला गया. मैं उदयपुर और अमरावती की हत्याओं का मुद्दा संसद में उठाऊंगी. अमरावती के मामले में विदेशी लोगों का भी हाथ है. इन मामलों के आरोपियों को ऐसी सजा दी जाए कि बाकियों के लिए एक मिसाल कायम हो तब जाकर हमारे देश और हमारे विचारों को आगे बढ़ने का रास्ता मिलेगा. 


ये है पूरा मामला


गौरतलब है कि बीती 21 जून की रात को महाराष्ट्र के अमरावती में फार्मासिस्ट नाम के उमेश कोल्हे की हत्या कर दी गई थी. उदयपुर हत्याकांड की तरह यहां भी निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले व्हाट्सएप संदेशों के कारण ये हत्या की गई. 54 वर्षीय उमेश कोल्हे देर रात अपने वाहन से घर लौट रहे थे, तभी तीन लोगों ने उनकी हत्या कर दी थी. उसकी पत्नी और बेटा अलग वाहन पर थे, और उन्हें बचा नहीं सके.नअमरावती जिले के पुलिस उपायुक्त विक्रम साली ने कहा कि अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है, आरोपियों ने दावा किया था कि उन्होंने नूपुर शर्मा के बारे में जो पोस्ट किया था, उसके कारण उन्होंने कोल्हे की हत्या की. 


मामले की जांच एनआईए को सौंपी


इस मामले को अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दिया गया है. गृह मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा कि हत्या के पीछे की साजिश, संगठनों की संलिप्तता और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की पूरी जांच की जाएगी. उमेश कोल्हे (Umesh Kolhe) की हत्या राजस्थान के उदयपुर (Udaipur Murder Case) में कन्हैयालाल की हत्या से ठीक एक हफ्ते पहले हुई थी. कन्हैया लाल ने नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के समर्थन में पोस्ट डाले थे. उनकी दुकान पर जाकर दो लोगों द्वारा दिनदहाड़े उनकी हत्या कर दी गई थी. उदयपुर मामले में दो मुख्य आरोपियों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.


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