Amrit Sarovar Scheme: मध्य प्रदेश के मुरैना में बीहड़ काटकर अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं. मुरैना ज़िले में बीहड़ों को खत्म कर अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं. इसमें चंबल के बीहड़ में नदी के कटान से बेकार पड़ी ज़मीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत हर ज़िले में 75 सरोवरों की श्रृंखला बनवा रहे हैं जबकि मुरैना ज़िले में 75 से ज़्यादा कुल 106 सरोवरों का निर्माण कराया जा रहा है. यहां पर ख़ास बात ये है कि अमृत सरोवर चम्बल के बीहड़ों को ख़त्म कर बनाए जाने से आसपास की ज़मीन का सिंचित क्षेत्र बढ़ेगा. इसके साथ ही यहां के आस-पास हरियाली बढ़ने से बीहड़ों की बंजर ज़मीन को फिर से उपजाऊ बनाया जा सकेगा और इससे बेकार ज़मीन हरीभरी भी होगी.
किसानों की आय बढ़ाने के लिए लाई जा रही कार्य योजनाएं- तोमर
अमृत सरोवरों से स्थानीय जलस्तर बढ़ेगा और जल संरक्षण की दृष्टि से क्रांतिकारी बदलाव आएगा. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मुरैना ज़िले के अम्बाह तहसील के बीहड़ में बनाए जा रहे अमृत सरोवरों का भी निरीक्षण किया. तोमर ने बताया, ''बीहड़ क्षेत्र में पाम आयल की खेती भी हो सकती है. इसकी कार्य योजना बनाई जा रही है, ताकि किसानों को अतिरिक्त आय हो सके.''
10 फीट से ज्यादा रखी जा रही सरोवरों की गहराई
मुरैना के ज़िला पंचायत सीईओ रोशन कुमार सिंह ने बताया, ''तालाबों के पानी से आसपास के किसानों को सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से लाभ पहुंचाया जाएगा. चंबल के बीहड़ में अमृत सरोवर योजना गेम-चेंजर हो सकती है, इस योजना में जन भागीदारी, नरेगा योजना और स्थानीय स्वायत्त संगठनो का सहयोग लिया जा रहा है. सरोवरों का निर्माण कम से कम एक हेक्टेयर ज़मीन पर किया जा रहा है और सरोवर की गहराई भी 10 फ़ीट से ज़्यादा रखी जा रही है, ताकि अमृत सरोवरों को लम्बे समय तक उपयोगी रखा जा सके.''
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