Amritpal Singh Arrest Operation: खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह बीते कई दिनों से पंजाब पुलिस को चकमा देकर भाग रहा है. पुलिस को मिली खुफिया जानकारी के मुताबिक, अमृतपाल सिंह हरियाणा से भागकर अब दिल्ली आ चुका है. पंजाब पुलिस की टीमें दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर उसकी तलाश कर रही है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने शुक्रवार (24 मार्च) को एएनआई से कहा कि खालिस्तानी समर्थक संगठन 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख के दिल्ली रवाना होने की आशंका है.


सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के आईएसबीटी बस टर्मिनल पर खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के देखे जाने की खुफिया सूचना मिलने के बाद दिल्ली पुलिस और पंजाब पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया. खुफिया इनपुट्स के मुताबिक, अमृतपाल सिंह ने अब एक साधु का भेष धारण कर लिया है. सूत्रों ने बताया कि अमृतपाल सिंह के साथ पपलप्रीत सिंह भी है. पपलप्रीत सिंह ने ही अमृतपाल सिंह को पंजाब से भगाने में मदद की थी.




उत्तराखंड पुलिस भी अलर्ट पर


बता दें कि एहतियात के तौर पर उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंह नगर जिलों में भी अलर्ट जारी किया गया है. उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने एएनआई को बताया, "खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के राज्य में प्रवेश करने की संभावना के मद्देनजर एहतियात के तौर पर राज्य के देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिलों में अलर्ट जारी किया गया है."


उन्होंने कहा कि पुलिस तीनों जिलों की सीमाओं और अन्य क्षेत्रों में सघन चेकिंग कर रही है. गौरतलब है कि राज्य के तीनों जिले 90 के दशक में आतंकवाद से प्रभावित रहे हैं. बता दें कि गुरुवार को पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि राज्य में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के आरोप में कुल 207 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.


हरियाणा के शाहबाद में रुका था अमृतपाल सिंह


आईजीपी गिल ने 23 मार्च को खुलासा किया कि 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख का आखिरी ठिकाना हरियाणा में था. उन्होंने कहा कि अमृतपाल हरियाणा के शाहबाद में बलजीत कौर नाम की महिला के घर पर रुका था. उस महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है. आईजीपी ने कहा कि बलजीत कौर ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि अमृतपाल और उसका प्रमुख सहयोगी पपलप्रीत सिंह 19 मार्च की रात उसके घर पर रुके थे.


अमृतपाल के खिलाफ पंजाब पुलिस का ऑपरेशन


गौरतलब है कि 18 मार्च को पंजाब पुलिस ने अमृतपाल और उसके साथियों के खिलाफ एक ऑपरेशन शुरू किया था. अमृतपाल और उसके समर्थकों ने 23 फरवरी को अमृतसर के बाहरी इलाके में अजनाला पुलिस स्टेशन में उनके एक करीबी सहयोगी लवप्रीत तूफान की रिहाई की मांग को लेकर पुलिस के साथ झड़प की थी.


अमृतपाल के हजारों समर्थकों ने अजनाला पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया. साथ ही पुलिस को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी. इस घटना के बाद से पंजाब पुलिस और पंजाब सरकार की खूब किरकिरी हुई. वहीं कुछ ही दिनों के बाद, जब माहौल ठंडा हुआ तो पंजाब पुलिस ने अमृतपाल पर शिकंजा कसने का प्लान बनाया. पुलिस अब बीते 7 दिनों से अमृतपाल की तलाश कर रही है.


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