Amritpal Singh In Dibrugarh Jail: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को गिरफ्तारी के बाद पंजाब से लगभग 3000 किमी दूर असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है. इसी जेल में अमृतपाल के 9 अन्य साथी भी बंद हैं लेकिन वो न तो अपने इन साथियों से मिल सकता है और न ही उन्हें देख सकता है. वजह है कि अमृतपाल को जेल की अलग तनहाई बैरक (Solitary Cell) में रखा गया है. अमृतपाल और उसके साथियों को खास वजह से असम में रखा गया है.
1- अमृतपाल और उसके साथियों को असम की जेल में रखने का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि पंजाब में उसे रखने पर इस बात की आशंका थी कि वह जेल के अंदर रहकर भी बाहर से संपर्क रख सकता था. यही नहीं, कुछ स्थानीय अधिकारियों से भी मदद मिल सकती थी. वहीं, डिब्रूगढ़ में कोई भी खालिस्तान समर्थक कैदी नहीं है.
2- अमृतपाल की सुरक्षा भी बड़ा मसला है. डिब्रूगढ़ जेल इस लिहाज से बेहद सुरक्षित है. इस जेल में 680 कैदियों को रखने की क्षमता है लेकिन वर्तमान में यहां करीब 430 कैदी ही हैं, जो कि इसकी क्षमता का करीब 60 फीसदी ही है. कम संख्या होने के चलते जेलकर्मियों पर दबाव कम है, जिससे अमृतपाल और उसके साथियों पर निगरानी करना आसान होगा.
3- अमृतपाल को लेकर एक सवाल यह भी उठता है कि उसे पंजाब में नहीं तो उत्तर भारत की किसी जेल में रखा जा सकता था. इसका जवाब है कि उत्तर भारत की जेलों में पंजाब के गैंगस्टर या उनके गुर्गे बंद हैं. ऐसे में वो अमृतपाल और उसके साथियों के मददगार हो सकते थे. यही वजह है कि इन सभी को डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया है.
4- अमृतपाल को तनहाई सेल में रखा गया है. इसका मतलब है कि उसे सेल में न तो किसी से मिलने की अनुमति होगी न ही वह बाहर निकलकर दूसरे कैदियों से मिल सकता है. अमृतपाल को खाने से लेकर अपने सारे काम तनहाई बैरक में ही करने होंगे.
5- NSA के तहत बंद अमृतपाल को जेल में कोई काम नहीं करना होगा. जेल नियमों के मुताबिक, एनएसए के तहत बंद कैदियों से कोई काम नहीं लिया जाता है.
6- जेल में बंद अमृतपाल और उसके 9 साथियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया है. एनएसए के तहत मामला दर्ज होने पर एक साल तक हिरासत में रखने का प्रावधान है. इसका मतलब है कि अमृतपाल और उसके साथियों को एक साल तक डिब्रूगढ़ जेल में ही रहना होगा.
7- सिर्फ अंदर ही नहीं, जेल के बाहर भी कड़ी सुरक्षा है. जानकारी के मुताबिक, डिब्रूगढ़ जेल पूरी तरह सीसीटीवी की निगरानी में है. इस समय जेल में करीब 70 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. इसमें से 12 कैमरे तब लगाए गए, जब अमृतपाल और उसके साथियों को पंजाब से डिब्रूगढ़ शिफ्ट करने की बात शुरू हुई.
8- शहर के बीच 16 एकड़ में बनी डिब्रूगढ़ जेल को अति सुरक्षित माना जाता है. प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट फॉर असम यानि उल्फा के कई उग्रवादियों को यहां रखा जा चुका है.
9- 1980-90 के दशक में जब पूर्वोत्तर में अलगाववाद चरम पर था तो उस समय कई अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार करके इसी जेल में रखा गया था. उस समय इस जेल की दीवार को 30 फीट ऊंचा उठा दिया गया था, जिसके बाद इसे पार करना अब किसी के बस की बात नहीं है.
10- जानकारी के मुताबिक डिब्रूगढ़ जेल में ही एनआईए और आईबी की टीमें अमृतपाल और उसके साथियों से पूछताछ करेंगी.
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