Amritpal Singh Arrest Operation: अकाल तख्त ने पंजाब पुलिस की कार्रवाई पर उठाए सवाल, अमृतपाल सिंह को भी दिया संदेश
Waris Punjab De Chief Arrest Operation: पंजाब पुलिस की गिरफ्त से बाहर खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को लेकर पूरे देश के साथ साथ विदेशों में भी चर्चा हो रही है.
Akal Takht Jathedar: खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे का चीफ भगोड़ा अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है और अभी उसकी पकड़ से बाहर है. इसको लेकर अकाल तख्त के जत्थेदार की प्रतिक्रिया सामने आई है. ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने शनिवार (25 मार्च) को खालिस्तान समर्थक वारिस पंजाब के मुखिया अमृतपाल सिंह को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने और जांच में सहयोग करने के लिए कहा. वहीं, उन्होंने पुलिस की क्षमता पर भी सवाल उठाए हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा है कि इस बात की हैरानी हो रही है कि इतनी बड़ी ताकत होने के बावजूद वो लोग अमृतपाल सिंह को पकड़ क्यों नहीं पाए. जत्थेदार ने कहा, “अगर अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस की गिरफ्त से बाहर है तो मैं उसे पुलिस के सामने पेश होने और जांच में सहयोग करने के लिए कहूंगा.” अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस की 18 मार्च को कार्रवाई शुरू करने के बाद से फरार है.
पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह पर लगाया एनएसए
भगोड़े अमृतपाल सिंह और उसके कुछ साथियों के ऊपर पंजाब पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया हुआ है. जत्थेदार ने शनिवार को एक वीडियो संदेश में कहा कि दुनिया भर में रहने वाले हर सिख के मन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि राज्य में भारी पुलिस बल होने के बावजूद अमृतपाल सिंह को कैसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका. उन्होंने कहा कि यह पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है.
दरअसल, भगोड़े अमृतपाल सिंह के माता-पिता ने ये आशंका व्यक्त की थी कि उसे पंजाब पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है. इसको लेकर उन्होंने ये भी कहा कि अगर पुलिस ने अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है तो उसे बता देना चाहिए. उन्होंने पुलिस से यह भी ध्यान रखने को कहा कि अमृतपाल सिंह मामले में पकड़े गए सिख युवकों ने उतने बड़े अपराध नहीं किए हैं जितने कि किए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है.
अकाल तख्त जत्थेदार ने बुलाई संत सभा
अकाल तख्त जत्थेदार ने पंजाब की स्थिति पर चर्चा करने के लिए लगभग 60 से 70 सिख संगठनों, मदरसों और निहंग संगठनों की एक विशेष सभा भी बुलाई है. इस सभा में राजनीतिक संगठनों के किसी प्रतिनिधि को आमंत्रित नहीं किया गया है.
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