Amritpal Singh Arrested: वारिस पंजाब दे संगठन का चीफ अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) बीते कई दिनों से सुर्खियों में रहा. बीते 36 दिनों से पंजाब पुलिस उसे लेकर सर्च ऑपरेशन चला रही थी. हालांकि, वह पहले भी कई ऐसे विवादित बयान जारी कर चुका है जिनकी वजह से काफी विवाद खड़ा हुआ. उसने आर्टिकल 370 हो या सीएए-एनआरसी कानून इस तरह के फैसलों को भी खूब विरोध किया है. 


इतना ही नहीं दुबई में रहने के बावजूद अमृतपाल सिंह भारत में चल रहे किसान आंदोलन में पूरी तरह से हिस्सा ले रहा था. यहां तक कि उसने यह भी कह डाला था कि आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए हिंसा का रास्ता भी अपनाना चाहिए. उसके इस तरह के बयान थमने का नाम नहीं ले रहे थे. इन्हीं बयानों ने उसकी छवि को खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी के तौर पर बना दिया था. 


चर्चा में कब आया अमृतपाल


अब सवाल यह है कि आखिर अमृतपाल सबसे ज्यादा चर्चा में कब और क्यों आया. ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के नए मुखिया के तौर पर ओहदा संभालते ही वह जांच एजेंसियों की रडार पर आ चुका था. उसके हर बयान पर नजर रखी जाती थी और उसके खिलाफ जांच भी तेज कर दी गई थी. यहां तक कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी विवादित टिप्पणी कर चुका है. धीरे-धीरे वह भारत विरोधी ताकतों का चेहरा बन गया. 


कब अमृतपाल पर कसा शिकंजा


पहले केवल अमृतपाल पर नजर रखी जा रही थी, लेकिन अजनाला कांड ने उसकी मुश्किलें बढ़ा दी थी. अमृतपाल सिंह अब अजनाला कांड के मास्टरमाइंड के रूप में जाना जाता है. यह वही कांड है जिसके बाद से अमृतपाल की तलाश शुरू हो गई थी. दरअसल, अमृतपाल सिंह के सपोर्टर जबरन अजनाला थाने में घुस गए थे और तलवारें लहराई थीं. 


अजनाला कांड को दिया था अंजाम 


23 फरवरी 2023 यानी ठीक दो महीने पहले ही अमृतपाल सिंह ने अजनाला कांड को अंजाम दिया था. उपद्रवियों ने अमृतसर के पास अजनाला पुलिस स्टेशन की घेराबंदी कर ली थी और अपने एक साथी को रिहा करने की मांग कर रहे थे, जिसको किडनैपिंग के एक केस में हिरासत में लिया गया था. पुलिस भी इन लोगों के हाथों में लहराती तलवारें देख बेबस नजर आई. इस हादसे में 6 पुलिसकर्मी घायल भी हो गए थे. इसके बाद से ही पंजाब पुलिस अमृतपाल को गिरफ्तार करने के लिए एक्शन मोड पर आ गई थी. 


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