Punjab IED Case: आवारा कुत्ते ने रोका बम धमाका? खालिस्तानियों के निशाने पर पुलिसवाले, पूछताछ में हुआ बड़ा खुलासा
पंजाब में खालिस्तानी समर्थक पाकिस्तान की मदद से दहशत फैलाने की साजिश रची जा रही है. उनके टारगेट में पंजाब पुलिस है.
Punjab IED Case: विदेशों में बैठे खालिस्तानी (Khalistan) अब पाकिस्तान (Pakistan) के इशारे पर पंजाब पुलिस (Punjab Police) के उन अफसरों को टारगेट करने की प्लानिंग बना रहे हैं जिन्होंने आतंकवाद का सफाया करने में सक्रिय भूमिका निभाई थी. यह खुलासा अमृतसर बम प्लांट केस (Amritsar Bomb Plant Case) में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में हुआ है.
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि कनाडा में बैठे खालिस्तानी लखबीर सिंह उर्फ लांडा ने बम प्लांट करने के लिए 7 लाख रुपए भेजे थे. पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट से फतेहदीप और हरपाल सिंह को गिरफ्तार कर 8 दिन की रिमांड पर लिया है. इन दोनों से अमृतसर के ज्वाइंट इंट्रोगेशन सेंटर में पूछताछ चल रही है.
क्या है अमृतसर बम प्लांट केस
अमृतसर में खालिस्तानी समर्थक पाकिस्तान के समर्थन से सूबे में दहशत फैलाने की साजिश रच रहे हैं. इसी क्रम में इन्होंने सब इंस्पेटर दिलबाग सिंह की जीप के नीचे बम प्लांट किया था. इसके बाद से ही पंजाब पुलिस के अफसरों की नींद हराम हो गई है.
आईएसआई के इशारे पर ये आतंकी अब उन पुलिसवालों को टारगेट कर रहे हैं जिन्होंने पंजाब से आतंकवाद खत्म करने में महत्वपूर्ण योजना बनाई थी. सब इंस्पेक्टर दिलबाग सिंह भी उनमें एक है. दिलबाग सिंह ने 1990 में पंजाब पुलिस में सिपाही के पद से भर्ती होकर कई आतंकियों को पकड़ने और पकड़वाने का काम किया था.
पुलिस के लोग भी हैं खालिस्तान के समर्थक?
इस पूरे प्रकरण में एक खास बात यह भी है कि खालिस्तानी पंजाब पुलिस में नौकरी करने वाले कुछ लोगों को अपने साथ जोड़ने में कामयाब हो गये हैं. इस मामले में दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ा गया हरपाल सिंह पंजाब पुलिस का सिपाही है और चंडीगढ़ में एक वकील की सुरक्षा में तैनात था.
हरपाल कनाडा में बैठे लखबीर लांडा का करीबी बताया जाता है. लांडा ने बम प्लांट करने के लिए हरपाल को 7 लाख रुपए भेजे थे. पूछताछ में हरपाल ने यह कबूल किया है. सिपाही हरपाल अपने साथी फतेहदीप के साथ दुबई भागना चाहता था लेकिन भनक लगते ही पंजाब पुलिस ने उसको एयरपोर्ट से ही धर लिया.
वहीं इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं हरपाल सिंह और फतेहदीप को नहीं जानता हूं लेकिन पुलिस में कई काली भेड़ें होती हैं जो पैसे के लिए खालिस्तानियों के साथ मिल जाती हैं. मेरे पिता को खालिस्तानियों ने मार दिया था हो सकता है अब वो मेरे परिवार को भी नुकसान पहुंचाना चाहते हों.
आरोपियों से पूछताछ कर रही है पंजाब पुलिस
दोनों पकड़े गये आरोपियों से पंजाब पुलिस की पूछताछ जारी है. उनसे पूछा गया है कि गाड़ी के नीचे बम उन्होंने लगाया था या फिर गाड़ी में इस्तेमाल होने वाला विस्फोटक उन मोटरसाइकिल सवार लोगों तक पहुंचाया था जो गाड़ी में बम लगा कर गये थे.
कैसे मिला बम ?
दिलबाग सिंह की गाड़ी की सफाई करने वाले लड़के ने बताया कि मैं और मेरे साथ एक लड़का रोज गाड़ी धोने आते हैं. उस दिन मैं गाड़ी की चाबी लेने अंदर गया और बाहर खड़े दूसरे लड़के ने नीचे गिरा हुआ लिफाफा खोला.
आखिर कुत्ते ने कैसे रोका बम विस्फोट?
रात के 2 बजे अमृतसर के रणजीत एवन्यू में दो मोटरसाइकिल सवार पार्क के सामने खड़ी दिलबाग सिंह की मोटरसाइकिल में बम बांध कर चले जाते हैं. घर के बाहर लगे सीसीटीवी में तस्वीरों के मुताबिक वहां पर तभी एक आवारा कुत्ता आता है और जीप के नीचे बंधे उस बम के लिफाफे को खींच कर नीचे गिरा देता है.
दूसरे दिन सुबह गाड़ी धोने वाले लोगों को वह लिफाफा मिल जाता है. उसमें एक मोबाइल रहता है. गाड़ी धोने वाला लड़का वह मोबाइल अपने पास रख लेते है और लिफाफा वहीं पर रख कर इस लिफाफे के बारे में दिलबाग सिंह को बताता है.
दिलबाग सिंह (Dilbagh Singh) को उस लिफाफे में विस्फोटक देख कर पुलिस को जानकारी देता है. पुलिस उस लड़के से फोन रिकवर करती है और फिर इस पूरी साजिश का तार एक-एक करके जुड़ जाते हैं.