नई दिल्ली: अमृतसर रेल हादसे पर चारों तरफ से पल्ला झाड़ राजनीति का खेल जारी है. हर कोई एक दूसरे पर आरोप लगा है. रेलवे वने पहले दिन ही इस हादसे में खुद को क्लीन चिट दे दी. हादसे में 62 लोगों की मौत के बाद जहां लोग इस सदमे से उबर भी नहीं पाया कि रेलवे की ओर से ऊलजुलूल बयान आने शुरू हो गए हैं.


फिरोजपुर के डीआरएम विवेक कुमार ने बड़ा असंवेदनशील बयान दिया है. विवेक कुमार का कहना है कि रेलवे पटरी पर खड़े लोग 'ट्रेसपासर्स' यानी बिना इजाजत घुसने वाले लोग थे. हालांकि डीएरएम ने यह नहीं बताया कि ट्रैक पर खड़े लोगों को हटाने की जिम्मेदारी किसकी है?


क्या बोले डीआरएम?
डीआरएम विवेक कुमार ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ''अगर ये कार्यक्रम रेलवे की जमीन पर होता तो इस कार्यक्रम के लिए हम परमीशन नहीं देते. हमारे साथ इस तरह के कार्यक्रम को लेकर किसी भी तरह कोई संवाद नहीं हुआ. इस पूरी घटना में रेलवे की भूमिका सिर्फ इतनी है कि गेटमैन ने गेट बंद किया या नहीं किया? ड्राइवर ने निर्धारित गति से ज्यादा तो नहीं था, ये साफ हो गया है कि वो तेज नहीं चला रहा था. बाकी जो लोग ट्रैक पर थे ट्रेसपासिंग (बिना इजाजत घुस रहे थे) कर रहे थे.''


डीआरएम विवेक कुमार ने कहा, ''किसी के भी खिलाफ कानून कार्रवाई की बात है तो इसमें हमें विस्तार से देखना चाहिए. इस पर एक्शन होता है या नहीं होता है ये अलग बात है, अपनी जान की सलामती के लिए सुरक्षित जगह से ही ट्रैक पार करें.''


विवेक कुमार ने यह भी कहा रेलवे ट्रैक के बाहर जिम्मेदारी एडमिस्ट्रेशन और ऑर्गेनाइजर्स की होती है और रेलवे उसका जिम्मेदार नहीं होता। डीआरएम विवेक कुमार ने दशहरा कमेटी पर बड़ा सवाल खड़ा किया है.


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