चंडीगढ़: पंजाब पुलिस ने अमृतसर के निरंकारी भवन में धार्मिक सभा पर ग्रेनेड फेंकने वाले कथित व्यक्ति को पकड़ने का शनिवार को दावा किया. यह इस मामले में दूसरी गिरफ्तारी है. गत रविवार को निरंकारी भवन में धार्मिक सभा पर फेंके गए ग्रेनेड से तीन लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने यहां पत्रकारों को बताया कि आरोपी की पहचान अवतार सिंह के रूप में हुई है. उसे लोपोके (अमृतसर) थाने में आने वाले ख्याला गांव से गिरफ्तार किया गया. उसे अदालत में पेश कर उसका रिमांड मांगा जाएगा.
महानिदेशक ने बताया कि उसके पास से .32 बोर की दो पिस्तौल, चार मैगज़ीन और 25 कारतूस बरामद किए गए हैं. धार्मिक सभा पर बाइक सवार दो व्यक्तियों ने ग्रेनेड फेंका था जिसमें एक उपदेशक समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी और 20 से अधिक लोग घायल हुए थे. पुलिस ने इसे 'आतंकी करतूत' बताया था. आतंकी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के सदस्य बिक्रमजीत सिंह को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. वह उस दिन कथित रूप से बाइक चला रहा था. आरोप है कि अवतार सिंह ने ग्रेनेड फेंका था. अवतार सिंह अमृतसर के लोपोके (अजनाला) के चक मिश्री खान गांव का निवासी है.
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि अवतार के संपर्क हरमीत सिंह हैप्पी उर्फ पीएचडी से होने का भी पता चला है जिसे आईएसआई के समर्थन वाले केएलएफ का स्वयंभू प्रमुख कहा जाता है. अरोड़ा ने कहा, "हैप्पी पाकिस्तान की आईएसआई की निगरानी में काम कर रहे संगठनों के सर्वाधिक सक्रिय नेता के रूप में उभरा है, जो गरीबों और भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथ में झोंककर सीमावर्ती पंजाब में आतंकवाद फैलाना चाहती है और उन्हें आतंकवाद फैलाने के लिए उकसा रहा है."
अरोड़ा ने कहा कि शुरुआती जांच में सामने आया था कि जावेद नाम का पाकिस्तानी व्यक्ति आरोपियों को 'आतंकी करतूत' के लिए गुमराह करने में कथित रूप से शामिल था. पुलिस ने कहा कि जांच में इटली में रहने वाले एक व्यक्ति का नाम भी सामने आया है जिसकी पहचान परमजीत सिंह बाबा के तौर पर हुई है. आरोपियों के परिवार ने दावा किया है कि उन्हें फंसाया गया है जिस पर डीजीपी ने कहा, "हमारे पास उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं." उन्होंने कहा, "हम फंसाने में यकीन नहीं रखते हैं. हमने ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में हथियार बरामद किए हैं."
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