अमृतसर: पंजाब के अमृतसर में हुए ट्रेन हादसे में 62 बेगुनाहों की जान चली गई. इस हादसे में किसी ने अपना जवान बेटा खोया तो किसी बेटे ने अपने बूढ़े माता-पिता को लेकिन कई लोग ऐसे भी रहे जिनकी जान इस हादसे में बाल-बाल बची. लेकिन सच ये भी है कि ऐसा चमत्कार हर किसी के नसीब में कहां आता है. लेकिन अमृतसर ट्रेन हादसे के दौरान एक ऐसी ही कहानी सामने आई जिसमें ढाई साल के आरुष की जान बच गई. आरुष के पिता उसे गोद में उठाकर रावण दहन दिखाने ले गए थे. रावण दहन देखने गए आरुष के पिता भी उन लोगों में थे जो तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आ गए.


जिस वक्त जोड़ा फाटक इलाके में रावण दहण किया गया उस वक्त ट्रेन की पटरी पर आरुष अपने पिता की गोद में रावण दहन देख रहा था. ट्रेन आयी और उसके पिता को टक्कर मार दी जिसके बाद आरुष का शरीर कई फ़ीट तक हवा में उछला और वो एक महिला की गोद में आ गिरा. इस तरह आरुष की जान बच गई और फिलहाल वह अपनी घायल मां के साथ हॉस्पिटल में सही सलामत है.


कैसे हुआ हादसा?
अमृतसर के जौड़ा फाटक इलाके में रावण दहन देखने के लिए करीब 300 लोग इकट्ठा हुए थे. जब रावण को जलाया गया तब पटाखे फूटने के बाद भीड़ में से कुछ लोग रेल की पटरियों की ओर बढ़ने लगे जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे. शाम करीब 7 बजे जोड़ा फाटक से डीएमयू ट्रेन गुजरी, ये डीएमयू ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी. ये ट्रेन ट्रैक पर खड़े लोगों को कुचलती चली गई. रावण दहन के वक्त पटाखों की आवाज में ट्रेन के आने का पता नहीं चला और दर्दनाक हादसा हो गया.


रामलीला का आयोजक फरार

जोड़ा फाटक में रामलीला का आयोजन कराने वाला काउंसलर और कांग्रेसी नेता सौरभ मदान हादसे के बाद से ही फरार है. पुलिस अभी-भी उसे नहीं पकड़ सकी है. मदान के घर पर ताला लगा हुआ है. हादसे में पीड़ित लोगों के परिजनों ने शनिवार को मदान के घर पर पथराव किया, जिसके बाद से वहां पुलिस तैनात करनी पड़ी. आज सौरभ मदान का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वो गाड़ी में बैठकर जाते हुए दिख रहा है.