नई दिल्ली: पंजाब के अमृतसर में शुक्रवार को रावण दहन के समय हुए ट्रेन हादसे में 59 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और करीब 70 से ज्यादा लोग घायल हुए. इस जख्म का भरना इतना आसान नहीं है, लेकिन सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मृतकों के परिजनों की बेहतर मदद की खातिर अमृतसर जिला कमिश्नर और पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया है कि वो हादसे में जान गंवाने वाले हर व्यक्ति की सामाजिक और आर्थिक स्थिति की विस्तृत प्रोफाइल तैयार करे.


याद रहे कि हादसे के करीब 16 घंटे बाद शनिवार को सीएम ने घायलों और पीड़ित परिवारों की स्थिति का जायजा लिया था. पीड़ितों की मदद के लिए उन्होंने मुआवजे के तौर पर तत्काल 3 करोड़ रुपये की राशि भी जारी करने का आदेश दिया. इसी क्रम में आज मुख्यमंत्री ने जान गंवाने वाले हर व्यक्ति की सामाजिक और आर्थिक स्थिति की विस्तृत प्रोफाइल तैयार करने का निर्देश दिया.





मुख्यमंत्री ने हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के भी आदेश दिए हैं और कहा है कि इसकी रिपोर्ट चार हफ्ते के अंदर आ जाएगी. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हादसे के तुरंत बाद कहा था कि वो अगले दिन घटना स्थल पर जाएंगे. उनके इस बयान की खूब आलोचना की गई. शनिवार को उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि वो इजरायल दौरे पर जाने वाले थे जिस वजह से वो हादसे के वक्त नहीं पहुंच सके. उन्होंने कहा कि जब उन्हें हादसे के बारे में पता चला तो वो एयरपोर्ट पर थे.


रामलीला का आयोजक फरार
जोड़ा फाटक में रामलीला का आयोजन कराने वाला काउंसलर और कांग्रेसी नेता सौरभ मदान हादसे के बाद से ही फरार है. पुलिस अभी-भी उसे नहीं पकड़ सकी है. मदान के घर पर ताला लगा हुआ है. हादसे में पीड़ित लोगों के परिजनों ने शनिवार को मदान के घर पर पथराव किया, जिसके बाद से वहां पुलिस तैनात करनी पड़ी. आज सौरभ मदान का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वो गाड़ी में बैठकर जाते हुए दिख रहा है.


परिजनों ने किया प्रदर्शन
पीड़ितों के परिजनों ने काउंसलर सौरभ मदान की गिरफ्तारी के लिए आज विरोध प्रदर्शन भी किया. प्रदर्शन के दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव किया. मजबूरन, पुलिस को भी उन पर लाठी चार्ज करना पड़ा.


नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी पर हुई बयानबाजी
घटना के बाद से ही राज्य सरकार और नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर को लेकर जमकर बयानबाजी हुई. नवजौत कौर इस आयोजन में चीफ गेस्ट के तौर पर आई थी और चश्मदीदों ने आरोप लगाया कि हादसा होते ही वो वहां से निकल गईं थीं. विपक्षी नेताओं ने ये भी आरोप लगाया कि बिना प्रशासन की इजाजत के रेल पटरियों के पास कांग्रेस की तरफ से दशहरा आयोजित कराया गया. पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने जिम्मेदारी तय करने और दोषियों को दंडित करने के लिए इस घटना की जांच हाई कोर्ट के किसी रिटायर जज से कराने की मांग की.