नई दिल्ली: अमृतसर रेल हादसे में पहली बार जौड़ा फाटक का गेट मैन सामने आया. एबीपी न्यूज ने उस गेटमैन को ढूंढ़ निकाला है, जिस पर हादसे के लिए लापरवाही के आरोप लग रहे हैं. गेटमैन अमित ने एबीपी न्यूज से बातचीत में हादसे को लेकर खुद पर लग रहे आरोपों को गलत बताया है. गेटमैन अमित ने कहा कि जौड़ा गेट से हादसा चार सौ मीटर की दूरी पर हुआ, जहां अंधेरे के चलते कुछ भी देखना संभव नहीं था.


गेटमैन अमित ने बताया कि 6:52 पर दोनों ट्रेन निकल चुकी थी और 6:53 पर यह एक्सीडेंट हुआ. मुझे भी नहीं मालूम था, मेरे एक मित्र ने मुझे बताया मेरी बेटी भी थी. वहां पर फिर मैं भाग कर वहां पर गया मैंने देखा. मुझे यह इंफॉर्मेशन नहीं थी कि इस साल जलेगा क्योंकि मेरी ड्यूटी शाम को चार बजे से शुरू हुई, अगर मेरी ड्यूटी सुबह से होती और मुझे दिखाई देता कि रावण बन रहा है. गेटमैन ने दावा किया कि पिछले साल रावण नहीं जला था.


गेटमैन ने यह भी बताया कि हादसे से कुछ देर पहले ही हावड़ा एक्सप्रेस सही सलामत गुजरी थी. हावड़ा के तीन चार डिब्बे रह गए थे और पीछे से डीएमयू ट्रेन आ गई. अमित ने कहा कि मेरा काम गेट पर देखना है कि कितनी भीड़ है. मुझे पता चला कि ड्राइवर ने जानकारी नहीं दी, मैं वहां से देककर आया फिर मैंने अपनी रिपोर्ट दी.


ड्राईवर से पुलिस ने की पूछताछ


आयोजक सौरभ मदान अब तक फरार
इस सब के बीच कार्यक्रम का आयोजक कांग्रेस नेता सौरभ मदान अभी तक फरार है. हादसे के बाद नाराज लोगों ने दशहरे के आयोजक सौरभ मदान के घर पत्थरबाजी भी की. इस बीच आयोजक सौरभ मदान और कांग्रेस नेता नवजोत कौर के कुछ फोटो ग्राफ भी सामने आए हैं. हालांकि अभी तक ये साप नहीं हो पाया है कि ये तस्वीरें कब की हैं.


पुलिस ने दी थी दशहरा आयोजन की इजाजत
अमृतसर में दशहरा आयोजन की इजाज़त पुलिस ने दी थी. यह रिपोर्ट इलाक़ा एस एच ओ की है जिसमें कहा गया है कि ऊपरी अदालत के हुक्म की तामील करते हुए लाउडस्पीकर नियंत्रित आवाज़ में चलाकर, कोई भी आवाजाही प्रभावित किए बग़ैर, जानलेवा हथियार लेकर आए बिना अगर दशहरा होता है तो पुलिस को कोई एतराज़ नहीं है. हालांकि, अमृतसर पुलिस ने यह भी कहा कि उन्होंने जोड़ा फाटक के पास दशहरा उत्सव के लिए "नो ऑब्जेक्शन" सर्टिफिकेट दिया था लेकिन आयोजकों ने नगरपालिका निगम और प्रदूषण विभाग से अनुमति नहीं ली थी.


नेताओं ने लोगों पर निकाला गुस्सा


हादसे में 59 की मौत, 70 से ज्यादा जख्मी
अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास रावण दहन के वक्त हुए रेल हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ कर 59 हो गई जबकि 58 लोग बुरी तरह घायल हो गए. हादसे में जख्मी हुए लोगों का तरणतारण, जालंधर, गुरदासपुर और अमृतसर में इलाज चल रहा है. इममें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है. पुलिस कमिश्नर सुधांशु श्रीवास्तव ने कहा कि मृतकों की सही संख्या के बारे में अभी नहीं कहा जा सकता है, लेकिन संभावना है कि 61 लोग मारे गए हैं. इस बीच आधिकारिक तौर पर 59 मृतकों की सूची जारी की गई है.


16 घंटे बाद पहुंचे मुख्यमंत्री
कल शाम तकरीबन 7.15 बजे हुए इस भयावह हादसे के 16 घंटे बाद राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह घटना स्थल पर पहुंचे. मुआवजे का एलान उन्होंने पहले ही कर दिया था पहुंचते ही उन्होंने कई आदेश दिए जिसमें धार्मिक मेलों के आयोजन के लिए नए गाइड-लाइन की भी बात शामिल थी. उन्होंने हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के भी आदेश दिए. जिसके तहत एक महीने के अंदर रिपोर्ट देने की बात थी. सिंह अस्पताल पहुंचे और इस दुखद हादसे में घायल हुए लोगों एवं मृतकों के परिजनों से मुलाकात की. उन्होंने तत्काल 3 करोड़ की राशि जारी करने का आदेश दिया.


कोर्ट के नियम के तहत हुआ था आयोजन


हादसे पर जमकर हो रही राजनीति
अमृतसर रेल हादसे के बाद जमकर राजनीतिक रोटियां सेकी जा रही हैं. 16घंटे देरी से आने के सावल पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिहं भड़क गए और दो तरह की दलीले देते नजर आए, मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लिखना है लिख दो. वहीं दूसरी ओर अकाली दल नेता सुखबीर बादल ने हादसे में मारे गए लोगों के परिवार वालों को एक करोड़ का मुआवजा देने की मांग की है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने प्रशासन और आयोजक को जिम्मेदार ठहराया है.


37 ट्रेनें रद्द, 16 का बदला रास्ता


ट्रेन चालक के खिलाफ नहीं होगी कोई कार्रवाई


राजनीति भी हुई तेज


आंसुओं के सैलाब में डूबे परिजन