नयी दिल्ली : रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने अमृतसर में दशहरा मेला के दौरान पटरी पर आए लोगों को रौंदने वाली ट्रेन के चालक के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कारवाई से इनकार कर दिया है. शनिवार को सिन्हा ने कहा कि रेलवे की तरफ से कोई लापरवाही नहीं थी. उन्होंने इसके साथ ही लोगों को भविष्य में रेल पटरियों के पास ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं करने की सलाह दी. बता दें कि इस हादसे में 59 लोगों की जान चली गई है जबकि 70 से ज्यादा लोग घायल है.


रेलवे ने कहा है कि उसकी कोई गलती नहीं थी क्योंकि दशहरा कार्यक्रम के बारे में उसे कोई सूचना नहीं दी गई थी. उन्होंने कहा, "दुर्घटना में रेलवे की कोई गलती नहीं थी. हमारी ओर से कोई चूक नहीं थी और ट्रेन चालक के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी. लोगों को भविष्य में रेल पटरी के किनारे ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने से परहेज करना चाहिए. मेरा मानना है कि यदि ऐहतियात बरती गई होती तो दुर्घटना टाली जा सकती थी." उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी ऐसे कार्यक्रम होते हैं, संबंधित जिला प्रशासन अनुमति देता है".


यह पूछे जाने पर कि क्या चालक के खिलाफ एक जांच का आदेश दिया जाएगा, मंत्री ने कहा कि चालकों को इस बारे में विशिष्ट निर्देश दिये जाते हैं कि ट्रेन को कहां पर धीमा करना है. जहां हादसा हुआ वहां एक घुमाव था और हो सकता है कि चालक ने उसके चलते न देखा हो. हम किस बारे में जांच का आदेश दें? ट्रेनें तेज गति से ही चलती हैं."


फिरोजपुर के मंडल रेल प्रबंधक विवेक कुमार ने कहा कि चालक से पूछताछ की गई है लेकिन उसकी ओर से कोई गलती नहीं मिली है. उसने कहा कि ट्रेन 91 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही थी लेकिन पटरी पर भीड़ देखने के बाद उसने गति कम करके 68 किलोमीटर प्रतिघंटे कर दिया. उन्होंने कहा, "जब घटना हुई उस समय लोग रेल लाइन पर थे. अंधेरा और पटाखों की आवाज से लोग ट्रेन की आवाज नहीं सुन पाये. चालक भीड़ को पहले नहीं देख पाया क्योंकि वहां पर पटरी का एक घुमाव था. चालक ने ब्रेक लगाने का प्रयास किया और 91 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही ट्रेन की गति को कम करने का प्रयास किया लेकिन ट्रेन को रोकने में समय लगता है".


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रेलवे बोर्ड अध्यक्ष ने कहा अमृतसर हादसा ‘रेल दुर्घटना’ नहीं, कोई जांच नहीं होगी

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने कहा कि यह कोई रेल दुर्घटना नहीं बल्कि रेल पटरियों पर अनधिकृत प्रवेश का एक मामला है. रेल संरक्षा आयोग नागर विमानन मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करता है और सभी रेल दुर्घटनाओं की अनिवार्य जांच करता है जिसमें फाटक रहित रेल समपार पर होने वाली दुर्घटनाएं, ट्रेन के पटरी से उतरने और पुल गिरने के बाद होने वाली दुर्घटनाएं शामिल हैं.

अश्विनी लोहानी ने कहा, ''आयोग रेल दुर्घटनाओं की जांच करता है. यह एक ऐसा हादसा था जिसमें लोगों ने रेल पटरी पर अनधिकृत प्रवेश किया और यह कोई दुर्घटना नहीं है. यह कोई रेलवे की गलती नहीं थी क्योंकि उसे दशहरा कार्यक्रम के बारे में कोई सूचना नहीं थी.

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