नई दिल्ली: अमृतसर में 59 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार कौन है? प्रशासनिक अमला इस सवाल से अब तक मुंह चुराता दिख रहा है. रेलवे ने तो साफ-साफ खुद को निर्दोष करार दिया है. आम लोग रामलीला आयोजक पर सवाल उठा रहे हैं. रामलीला की आयोजक कांग्रेस की पार्षद विजय मदान थी. विजय के पति सौरभ मदान उर्फ मिट्ठू मदान ने आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई. अब दोनों फरार हैं.


दशहरे के दिन यानि कल रावण दहन के लिए मदान ने नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया था. वो मंच पर मौजूद थी. सौरभ मदान ने इस दौरान नवजोत कौर की जमकर तारीफ की. नवजोत के दावों के मुताबिक, हादसे से ठीक पहले वो वहां से चली गई थी.


नवजोत कौर के जानें के बाद पास से गुजर रही ट्रेन ने सैकड़ों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया था. सभी ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन का कार्यक्रम देख रहे थे. पटाखों की आवाज की वजह से ट्रेन की आवाज सुनाई नहीं दी. रेलवे ने कहा है कि अगर स्थानीय प्रशासन से इसकी सूचना पहले मिली होती तो हादसे को टाला जा सकता था.


टोपी ट्रांसफर करने के बजाए साफ-साफ बताओ, इस हादसे का जिम्मेदार कौन...रेलवे, पुलिस-प्रशासन या रामलीला कमेटी?


अमृतसर रेल हादसे के बाद घटना स्थल का दौरा करने के बाद केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि इस दुर्घटना के लिए उनका मंत्रालय जिम्मेदार नहीं है उन्होंने कहा कि जोड़ा फाटक के पास दशहरा कार्यक्रम के लिए प्रशासन और कार्यक्रम आयोजकों ने रेलवे को सूचित नहीं किया गया था.


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हादसे के बाद से मिट्ठू मदान और उसकी पार्षद पत्नी गायब है. उसके घर के बाहर पुलिस की तैनाती की गई है. पार्षद ने आयोजन के लिए प्रशासनिक अनुमति नहीं ली थी. अगर ली होती तो 59 लोगों की जान बच सकती थी.


कांग्रेस नेता के खिलाफ कार्रवाई को लेकर जब मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से एबीपी न्यूज़ ने सवाल किया तो उन्होंने कुछ भी साफ-साफ नहीं कहा. हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिये गए हैं. चार हफ्ते में जांच रिपोर्ट आ जाएगी, उसके बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.