नई दिल्ली: अमृतसर रेल हादसे को लेकर राजनीतिक पार्टियों में भी रार बढ़ती जा रहा है. शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने इस घटना की स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा,''सूबे के मुख्यमंत्री इस रेल हादसे को बहुत हल्के में ले रहे हैं. वह कह रहे हैं जांच की रिपोर्ट 4 हफ्ते में आएगी. पीड़ितों के बयान पर इस मामले में एफआइआर होनी चाहिए. इस मामले की स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच होनी चाहिए."


इससे पहले भी इस हादसे पर सुखबीर सिंह बादल ने दुख व्यक्त करते हुए इस घटना को नरसंहार करार दिया था. उन्होंने इस घटना के लिए पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग की थी.

उन्होंने कहा, ''मैंने वह सीडी सुनी है जिसमें कार्यक्रम के दौरान डॉ नवजोत कौर सिद्धू बोल रही हैं कि देखो रेलवे लाइन पर 5 हजार लोग खड़े हैं और उन पर से 500 गाड़ियां गुजर जाए तो वे इसकी परवाह नहीं करते हैं. यह लापरवाही ही तो है."

कैसे हुआ हादसा?

अमृतसर के जौड़ा फाटक इलाके में रावण दहन और पटाखे फूटने के बाद भीड़ में से कुछ लोग रेल की पटरियों की ओर बढ़ने लगे जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे. शाम करीब 7 बजे जौड़ा फाटक से डीएमयू ट्रेन गुजरी, ये डीएमयू ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी. ये ट्रेन ट्रैक पर खड़े लोगों को कुचलती चली गई. रावण दहन के वक्त पटाखों की आवाज में ट्रेन के आने का पता नहीं चला और दर्दनाक हादसा हो गया.

रेलवे के खिलाफ नहीं होगी कोई कार्रवाई

रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने अमृतसर में दशहरा मेला के दौरान पटरी पर आए लोगों को रौंदने वाली ट्रेन के चालक के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कारवाई से इनकार कर दिया है. शनिवार को सिन्हा ने कहा कि रेलवे की तरफ से कोई लापरवाही नहीं थी. उन्होंने इसके साथ ही लोगों को भविष्य में रेल पटरियों के पास ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं करने की सलाह दी.