नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) का शोध छात्र मन्नान वानी हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो गया है. प्रतिबंधित संगठन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन ने स्थानीय मीडिया को दिए गए एक बयान में यह बात कही. श्रीनगर की एक समाचार एजेंसी को दिए गए बयान में सलाहुद्दीन ने कहा, “मन्नान वानी का शामिल होना भारतीय प्रचार की पोल खोलता है कि कश्मीरी युवा बेरोजगारी और आर्थिक तंगी के कारण आतंकवादी संगठन में शामिल होते हैं.”
उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के लोबाब इलाके का रहने वाला वानी पिछले हफ्ते लापता हो गया था. उसे छह जनवरी को दिल्ली से घर लौटना था. सोशल मीडिया पर एके-47 राइफल के साथ उसकी तस्वीर सामने आने के बाद खबरें आ रही थीं कि शायद वह आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया है जिसके बाद एएमयू ने 26 वर्षीय इस शोध छात्र को निष्काषित कर दिया था.
उर्दू में दिए गए बयान में सलाहुद्दीन ने वानी के हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल होने की पुष्टि करते हुए कहा, “कई सालों से, शिक्षित और योग्य कश्मीरी युवा हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो रहे हैं ताकि इस आजादी के आंदोलन को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जा सके. युवाओं का यह जज्बा काबिल-ए-तारीफ है.”
पुलिस ने वानी के आतंकवादी संगठन में शामिल होने की खबरों को खारिज करने या पुष्टि करने से इंकार किया था. उन्होंने कहा था कि वह सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों की जांच कर रही है. विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया कि वानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जियोलॉजी विभाग में शोध छात्र है. वह दो जनवरी को आखिरी बार कक्षा में उपस्थित हुआ था.
'घर लौट आओ मन्नान'
एबीपी न्यूज़ के जरिए मन्नान के भाई ने मुवस्सिर ने उससे घर लौटने की अपील की है. मन्नान वानी के माता-पिता ने उसके गायब होने की रिपोर्ट दर्ज करायी है. सकी बहन और माता-पिता उससे घर वापस आने की गुहार लगा रहे हैं. मन्नान वानी की बहन ने कहा,"मुझे एक बार उनको देखना है. बस एक बार वो वापस आ जाएं. मैं उसके बगैर रह नहीं सकती. उसने हमें किसके ऊपर छोड़ दिया." मन्नान वानी की मां ने कहा,"मैं उससे अपील करती हूं कि एक बार आप आओ. अगर मुझसे कोई गलती हुई है तो मैं उससे माफी मांगती हूं. मैंने अपने खून के एक-एक कतरा उसे दिया. पढ़ाया-लिखाया, बड़ा आदमी बनाया, मुझे क्या पता था कि वो मुझे धोखा देगा."