(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bird Flu से बच्चे की मौत के बाद कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग जारी, अभी तक नहीं मिला कोई और संक्रमित
Bird Flu: दिल्ली एम्स प्रशासन के मुताबिक 11 साल का ये बच्चा 2 जुलाई को एम्स में भर्ती कराया गया था. जिसके बाद लड़का एवियन फ्लू से संक्रमित पाया गया था. 12 जुलाई को बच्चे की मौत हो गई थी.
Bird Flu: कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश में इस साल एवियन इन्फ्लूएंजा H5N1 के मरीज की पहली मौत हुई है. दिल्ली के एम्स अस्पताल में 11 साल के बच्चे की एवियन इन्फ्लूएंजा H5N1 से 12 जुलाई को मौत हो गई है. बच्चे में बर्ड फ्लू की पुष्टि NIV पुणे ने भी की है. इलाज के लिए उसे 2 जुलाई को दिल्ली एम्स में एडमिट कराया गया था. मरीज की मौत के बाद संपर्क में आए सभी अस्पताल के कर्मचारियों को आइसोलेशन में रखा गया है. वहीं हरियाणा के गुरुग्राम में जहां ये बच्चा रहता था वहां नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कर रही है और फिलहाल कोई अभी संक्रमित नहीं पाया गया है.
दिल्ली एम्स प्रशासन के मुताबिक 11 साल का ये बच्चा 2 जुलाई को एम्स में भर्ती कराया गया था. जिसके बाद लड़का एवियन फ्लू से संक्रमित पाया गया था. हरियाणा के मरीज की बर्ड फ्लू से हुई मौत के बाद एनसीडीसी (नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल) की एक टीम, जिसमें महामारी वैज्ञानिकों और सूक्ष्म जीव वैज्ञानिकों शामिल है, का गठन किया गया और टीम ने महामारी विज्ञान के आंकलन के लिए तुरंत एम्स, नई दिल्ली और गुरुग्राम का दौरा किया है.
साथ ही राज्य के स्वास्थ्य विभाग और पशुपालन विभाग के अधिकारी भी जांच में शामिल किए गए. शुरुआती जांच में पाया गया कि जिस मरीज की मौत बर्ड फ्लू के चलते हुई उसके परिवार और इलाके में कोई भी बर्ड फ्लू का संदिध नही है. हालांकि गुरुग्राम में जहां बच्चा रहता था वहां निगरानी बढ़ाई गई है और अभी तक कोई भी संदिग्ध मामला सामने नहीं आया है.
कोई संदिग्ध मामला नहीं मिला
पशुपालन विभाग को गुरुग्राम के उस इलाके में बर्ड फ्लू का कोई संदिग्ध मामला नहीं मिला है. एहतियात के तौर पर 10 किमी क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है. इसके अलावा, पशुपालन विभाग और राज्य सरकार की सर्विलांस यूनिट को शामिल करते हुए एनसीडीसी के जरिए जांच की जा रही है और उचित पब्लिक हेल्थ मेजर्स लिए जा रहे हैं. इस एवियन इन्फ्लूएंजा H5N1 मौत के बाद सभी कर्मचारी जो संपर्क में थे, आइसोलेशन में रहने की हिदायत दी है. इलाज करने वाले डॉक्टरों की टीम और दूसरी मेडिकल टीम की निगरानी की जा रही है. हालांकि उनमें अभी तक कोई लक्षण नहीं मिला है. वहीं इसी साल की शुरुआत में कई राज्यों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए थे.
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