शांति की दिशा में अहम कदम, नागालैंड में हथियारबंद गुटों के साथ केन्द्र ने बढ़ाया एक साल का सीजफायर
पूर्वोत्तर के नागालैंड और आसपास के इलाके में सक्रिय कथित आतंकी/ हथियारबंद 3 गुटों से केंद्र सरकार ने 1 साल का सीजफायर बढ़ा दिया है.
पूर्वोत्तर के नागालैंड और आसपास के इलाके में सक्रिय कथित आतंकी/ हथियारबंद 3 गुटों से केंद्र सरकार ने 1 साल का सीजफायर बढ़ा दिया है. पूर्वोत्तर में शांति कायम करने के लिए केंद्र सरकार लगातार अनेक कदम उठा रही है और इसके तहत पिछले एक साल के दौरान बहुत सारे समझौते किए गए हैं.
केंद्रीय मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि पूर्वोत्तर के तीन हथियारबंद गुटों जिनमें नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड एन एस सी एन(एनके) नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड रिफॉर्मेशन एसएससीएन(आर) और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (के) नाम इसमें शामिल हैं. गृह मंत्रालय के आला अधिकारी के मुताबिक एनएससीएन (एनके) से यह सीजफायर 28 अप्रैल 2022 से 27 अप्रैल 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
17 अप्रैल 2023 तक बड़ा सीजफायर
एसएससीएन (आर) से यह सीजफायर 18 अप्रैल 2022 से 17 अप्रैल 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इसी प्रकार एनएससीएन (के) से यह सीजफायर 18 अप्रैल 2022 से 17 अप्रैल 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. गृह मंत्रालय के आला अधिकारी के मुताबिक इस आशय के समझौते पर 19 अप्रैल 2022 को दोनों तरफ से केंद्र सरकार और इन गुटों की तरफ से समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं. सीजफायर समझौते के तहत यह माना जाता है कि यह हथियारबंद गुट कोई आतंकी कार्रवाई भारतीय सीमा में नहीं करेंगे. इसी प्रकार भारतीय सुरक्षा बल भी इन लोगों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करेंगे.
केंद्र सरकार की कोशिश है की बातचीत के दौरान इन लोगों द्वारा उठाए गए मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझा कर इन्हें वापस मुख्य विचारधारा में लौटा लिया जाए. केंद्र सरकार पूर्वोत्तर में इसके लिए लगातार प्रयासरत है. ध्यान रहे कि पिछले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार की नीतियों के चलते सात हजार से ज्यादा हथियार धारकों ने पूर्वोत्तर में आत्मसमर्पण किया है साथ ही केंद्र सरकार ने अनेक समझौते भी किए हैं. इसके तहत जनवरी 2020 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बोडो समझौता कराया था. इसके बाद करबी आंगलांग समझौता किया गया.
असम मेघालय सीमा विवाद को निपटाने की दिशा में समझौता किया
त्रिपुरा में उग्रवादियों को मुख्यधारा में लाने के लिए 2019 में एनएलएफटी समझौता हुआ और उसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में असम मेघालय सीमा विवाद को निपटाने की दिशा में समझौता किया गया. इसके तहत 12 विवादित बिंदुओं में से 6 बिंदुओं पर दोनों राज्य सहमत हो गए हैं और बाकी के 6 विवादित बिंदुओं पर बातचीत लगातार जारी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक जल्द ही इन बिंदुओं को भी सुलझा लिया जाएगा. केंद्र सरकार के आला अधिकारी के मुताबिक पूरी कोशिश की जा रही है कि पूर्वोत्तर के हथियारबंद गुटों से बातचीत करके शांति समाधान खोज लिया जाए.
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