Anand Mohan News: बिहार के डीएम रहे जी कृष्णैया (G Krishnaiah) की हत्या के दोषी पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के मामले में सोमवार (8 मई) को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. आनंद मोहन को बिहार सरकार की ओर से किए गए जेल नियम में बदलाव के चलते जल्दी रिहा कर दिया गया था.
जिसके चलते पूर्व जिलाधिकारी की पत्नी उमा देवी ने बिहार सरकार के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. अब इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी. बिहार सरकार ने नियमों में बदलाव करके आनंद मोहन सिंह को गुरुवार (27 अप्रैल) सुबह 6.15 बजे सहरसा जेल से रिहा कर दिया था. इसपर कृष्णैया के परिवार ने विरोध जताकर याचिका दाखिल की थी.
बिहार सरकार के फैसले पर खड़ा हुआ विवाद
बिहार सरकार के इस फैसले के बाद काफी विवाद खड़ा हो गया है. जानकारी के मुताबिक कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने अपनी याचिका में बिहार सरकार का आदेश रद्द करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया जाता है तो फिर दोषी को रिहा क्यों किया गया.
उमा देवी ने पूर्व सांसद की रिहाई के खिलाफ 29 अप्रैल को चुनौती दी थी. उनकी ओर से दायर याचिका में आनंद मोहन को फिर से जेल भेजने की मांग की गई है.
क्या है मामला?
कृष्णैया बिहार के गोपालगंज के डीएम थे. कृष्णैया 5 दिसंबर 1994 को मुजफ्फरपुर में हत्या कर दी गई थी. 5 दिसंबर 1994 को मुजफ्फरपुर से गैंगस्टर छोटन शुक्ला की शव यात्रा निकल रही थी उसी दौरान डीएम कृष्णैया भी निकल रहे थे तभी भीड़ ने उन्हें पीट पीट कर हत्या कर दी थी. जानकारी के मुताबिक आनंद मोहन पर डीएम की हत्या करने वाली भीड़ को उकसाने का आरोप था. जिसकी वजह से पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. आनंद मोहन को इस मामले में मौत की सजा हुई लेकिन 2008 में हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था. इसके बाद बिहार सरकार ने जेल नियम में बदलाव करके आनंद मोहन को रिहा कर दिया.
छोटन शुक्ला आनंद मोहन का दाहिना हाथ था. छोटन शुक्ला 4 दिसंबर को अपने साथियों के साथ मुजफ्फरपुर लौट रहा था तभी पुलिसकर्मियों के भेष में कुछ लोगों ने उसकी गाड़ी रूकवाकर फायरिंग शुरू हो गई जिसमें छोटन सहित उसके सारे साथियों की मौत हो गई थी. इस हत्याकांड में लालू प्रसाद के करीबी बृज बिहारी प्रसाद का नाम आया था. छोटन शुक्ला की हत्या के बाद मुजफ्फरपुर के भगवानपुर चौराहे पर आनंद मोहन ने एक पब्लिक भाषण दिया था. जिसमें उसने कहा था कि मुजफ्फरपुर और चंपारण के एसपी ने लालू यादव के साथ मिलकर यह साजिश रची है. चुनाव के बाद लालू यादव तो बाहर भाग जाएगा, लेकिन अधिकारी यहीं कूटे जाएंगे.