58 साल से पाकिस्तानी जेल में बंद है भारतीय सैनिक! बेटे ने वापस लाने के लिए राष्ट्रपति और PM से लगाई गुहार
Indian In Pakistan Jail: साल 1965 के युद्ध में लापता हुए आनंद पात्री के लाहौर जेल में बंद होने की जानकारी मिली थी. अब उनके बेटे ने पिता को वापस लाने के लिए सरकार से गुहार लगाई है.
Indian Soldier In Pakistan Jai: छह दशक से पाकिस्तान की जेल में बंद एक भारतीय सैनिक के बेटे ने अपने पिता को वापस लाने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है. भारतीय सैनिक आनंद पात्री 1965 की भारत-पाकिस्तान की जंग के दौरान लापता हो गए थे. बाद में उसके लाहौर जेल में बंद होने की जानकारी मिली थी.
सैनिक के बेटे बिद्याधर पात्री ने ANI को बताया कि पाकिस्तानी अधिकारी साल 2007 में उनके पिता आनंद पात्री को छोड़ने वाले थे. लेकिन पाकिस्तान ने इसके लिए शर्त रख दी कि उन्हें एक नागरिक के रूप में छोड़ा जाएगा जिसे भारतीय अधिकारियों ने स्वीकार करने से इंकार कर दिया था.
65 साल का हो चुका बेटा
आनंद का परिवार ओडिशा के भद्रक जिले के धामनगर ब्लॉक में रहता है. उनके बेटे बिद्याधर की उम्र अब 65 साल हो चुकी है. बिद्याधर ने बताया कि एक प्रकाशन के जरिए उन्हें पाकिस्तान की जेल में अपने पिता के बंद होने के बारे में पता चला. आनंद पात्री कोलकाता से भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. पात्री ने 1962 के भारत-चीन युद्ध में भी हिस्सा लिया था.
तो 88 साल होगी उम्र
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता उत्तर राय ने बताया, आनंद पात्री को भारतीय सेना में कोलकाता से भर्ती किया गया था. 1962 के भारत-चीन युद्ध में भी भाग लिया. उन्होंने 1965 में भारत-पाक युद्ध में लड़ाई लड़ी थी. वह 1965 से लापता हैं. वे लगभग 58 सालों से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. फिलहाल, उनके बारे में जानकारी नहीं है लेकिन अगर जीवित हैं तो 88 साल के होंगे.
इस मामले में ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से भी मुलाकात की गई थी. उत्तम राय ने कहा, फिलहाल भारत और ओडिशा सरकार को उनकी वापसी सुनिश्चित करनी चाहिए और उनके परिवार को आर्थिक सहायता भी देनी चाहिए. अगर उनकी मृत्यु हो गई है, तो पाकिस्तानी अधिकारियों को हमें उनका मृत्यु प्रमाण पत्र देना चाहिए.
बेटे ने की ये मांग
बिद्याधर भी अपने पिता की आशंका जताते हैं. उन्होंने पाकिस्तानी अधिकारियों से प्रमाण पत्र की मांग. उन्होंने कहा, यदि मृत्यु हो गई है, तो उनके पिता को शहीद का दर्जा दिया जाए. उन्होंने अपनी मांगों के साथ राष्ट्रपति कार्यालय को पत्र सौंपा है.
यह भी पढ़ें