Anantnag Encounter: रावलपिंडी में प्लानिंग, इस्तांबुल से ऑर्डर... अनंतनाग में आतंकी हमला कैसे हुआ?
Anantnag Encounter: क्या अनंतनाग में हुए टेरर अटैक की साजिश रावलपिंडी में पाकिस्तान आर्मी के हेडक्वार्टर में रची गई थी? क्या ये आतंकी हमला भारत में G20 समिट की कामयाबी से पाकिस्तान की बौखलाहट का नतीजा है?
Anantnag Encounter Update: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग में बुधवार (13 सितंबर) को आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ हो गई. इस मुठभेड़ में भारतीय सेना के एक कर्नल, मेजर समेत चार अफसर शहीद हो गए. अनंतनाग में हुए भीषण टेरर अटैक की एक-एक कड़ी जुड़ती जा रही है. एक-एक सच सामने आता जा रहा है. आखिर ये हमला क्यों कराया गया? इस हमले की प्लानिंग कैसे हुई? इस हमले के पीछे कौन-कौन हैं? हमले के तार पाकिस्तानी फौज के हेडक्वार्टर रावलपिंडी, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और तुर्किए की राजधानी इस्तांबुल से कैसे जुड़ रहे हैं.
- तारीख- 8 सितंबर, 2023
- दिन- शुक्रवार
- जगह - रावलाकोट, PoK
ये वो जुमे का दिन था जब लोग रावलकोट की अल-कुद्स मस्जिद में जुमे की नमाज के लिए आ-जा रहे थे. इन्हीं नमाजियों में से एक था- रियाज अहमद उर्फ अबू कासिम लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर. जोकि उस दिन मस्जिद के इमाम के पास ही ठहरा हुआ था. जैसे ही रिजाज अहमद नमाज पढ़ने पहुंचा. वो सजदे के लिए झुका ही था कि नमाजी बनकर आए कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने उस पर ताबड़तोड़ गोलियां दाग दीं. मोस्ट वॉन्टेड आतंकी रियाज वहीं ढेर हो गया. बाद में मीरपुर जिले में उसका जनाजा निकला.
8 सितंबर को लश्कर के टॉप कमांडर रियाज अहमद को किसने मारा ये किसी को नहीं पता. लेकिन रियाज की हत्या के बाद एक खतरनाक साजिश बुनी गई जिसका अंजाम उसके चार दिन बाद अनंतनाग हमले के रूप में सामने आया. अनंतनाग जिले के कोकेरनाग के ऊंचाई वाले इलाके में हुआ वो भयानक आतंकी हमला जिसमें भारतीय सेना के एक मेजर आशीष धोंचक, सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह और जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट शहीद हो गए. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर के ही पाले पोसे आतंकी संगठन TRF यानी द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली है.
पाकिस्तान में मची खलबली
अब सवाल ये है कि लश्कर कमांडर रियाज अहमद की हत्या का अनंतनाग के आतंकी हमले से क्या कनेक्शन है? क्या लश्कर-ए-तैयबा ने रियाज की हत्या का बदला लेने के नाम पर ये आतंकी हमला करवाया? दरअसल अनंतनाग हमले से 4 दिन पहले लश्कर आतंकी रियाज अहमद मारा तो गया था पीओके में लेकिन उससे खलबली पाकिस्तान में मची. पाकिस्तानी फौज के हेडक्वार्टर रावलपिंडी और ISI के हेडक्वार्टर इस्लामाबाद में उस दिन बड़ी हलचल मची थी. हाफिज सईद के हेडक्वार्टर मुरीदके में तो मातम ही छा गया था.
पाकिस्तानी फौज काफी दिन से जम्मू कश्मीर में किसी बड़े आतंकी हमले की साजिश बुन रही थी. पाकिस्तानी आर्मी पर तहरीके-तालिबान पाकिस्तान की तरफ से हुए तीन बड़े घातक हमलों से ध्यान हटाने के लिए भी उसने ये साजिश रची थी.
राजौरी में आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था आतंकी रियाज
पाकिस्तानी फौज पीओके से जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले की साजिश पर फाइनल मुहर लगाने वाली थी कि रावलाकोट में लश्कर के टॉप कमांडर रियाज अहमद की हत्या ने उसको एक मौका दे दिया. आतंकी रियाज अहमद की हत्या को पाकिस्तानी फौज और ISI ने भारतीय एजेंसियों के खिलाफ इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. आतंकी रियाज अहमद जम्मू कश्मीर के राजौरी में 1 जनवरी को हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था. उस हमले में राजौरी के ढांगरी गांव के 5 लोगों को गोलियों से भून दिया गया था.
तभी से भारतीय एजेंसियों को रियाज अहमद की सरगर्मी से तलाश थी लेकिन वो पिछले हफ्ते ही 8 सितंबर को पीओके की मस्जिद में मारा गया. आतंकी संगठन TRF ने अनंतनाग हमले को रियाज की हत्या का बदला बताया है. TRF यानी द रेजिस्टेंस फ्रंट लश्कर-ए-तैयबा की एक ब्रांच है जोकि जम्मू-कश्मीर में एक्टिव है. TRF को लश्कर जैसे आतंकी संगठनों को कवर देने के लिए ये इसलिए बनाया गया ताकि भारत में होने वाले आतंकी हमलों में सीधे तौर पर पाकिस्तान का नाम न आए.
TRF ने हमले की जिम्मेदारी लेने में नहीं की देर
अब जरा अनंतनाग में हुए आतंकी हमले की टाइमिंग पर गौर करिए. ये हमला ऐसे वक्त में हुआ जबकि पाकिस्तान की आर्मी के चीफ आसिम मुनीर तुर्किए पहुंचे हुए थे. जैसे ही जनरल आसिम मुनीर ने तुर्किए की राजधानी इस्तांबुल में कदम रखा उनकी तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोऑन से मुलाकात हुई. इधर जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में पाकिस्तानी फौज के इशारे पर लश्कर आतंकियों ने हमला कर दिया. हमले के बाद लश्कर के प्रॉक्सी आतंकी ग्रुप TRF ने हमले की जिम्मेदारी लेने में भी देर नहीं की.