Anantnag Encounter: दक्षिण कश्मीर (South Kashmir) में एक ऑपरेशन में हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) का कमांडर अशरफ मौलवी (Ashraf Maulvi) मारा गया है. इस आतंकी के मारे जाने से घाटी में सुरक्षाबलों को आतंकवाद विरोधी अभियान में बड़ी सफलता हासिल हुई है. यह आतंकी दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम के बटकूट इलाके में जंगल में हुई मुठभेड़ में अपने दो साथियों के साथ मारा गया.
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि पहलगाम में अशरफ मौलवी समेत दो अन्य आतंकी मारे गए हैं. अशरफ मौलवी हिजबुल का कश्मीर में कमांडर था. वह इससे पहले 6 मई 2020 को रियाज नाइकू के मारे जाने के बाद कमांडर बनाया गया था.
हिजबुल में कब शामिल हुआ था अशरफ ?
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के तेंगपावा कोकरनाग इलाके का निवासी मोहम्मद अशरफ खान उर्फ अशरफ मौलवी 2013 में हिजबुल में शामिल हुआ था और जल्द ही सेना की मोस्ट वांटेड आतंकी की सूची में आ गया. पुलिस के अनुसार वह स्थानीय नागरिकों को बहला फुसला कर हिजबुल में भर्ती करता था.
बटकूट में उसके मिलने की जानकारी पर पुलिस और सेना की 19RR की एक संयुक्त टीम ने बटकूट जंगल को घेर कर तलाशी अभियान शुरू किया. जैसे ही पुलिस की संयुक्त टीम ने अपनी तलाशी तेज की छिपे हुए इस आतंकवादियों ने तलाशी दल पर गोलीबारी कर दी. जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हुई. इस मुठभेड़ में सेना ने तीनों आतंकी मार गिराए.
कितने रुपयों का रखा गया था इनाम ?
मौलवी के मारे जाने से दक्षिण कश्मीर में हिजबुल की गतिविधियों पर लगाम लगने की उम्मीद है. पूरी घाटी में अब हिजबुल का कोई भी कमांडर जिंदा नहीं बचा है. मौलवी बुरहान वानी के समय जारी हुए आतंकियों की सूची में शामिल था और इस समय पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था. इस आतंकी पर दस लाख का इनाम भी रखा गया था.
आपको बता दें कि 30 जून से कश्मीर में वार्षिक अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है. इसको मद्देनजर रखते हुए सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर इलाकों में आतंकवादियों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया हुआ है. सुरक्षाबलों ने साल की शुरुआत से अब तक घाटी में 65 आतंकियों को ढेर कर दिया है.