Ancient Idol Recovered From Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में बुद्ध मिले हैं ! शुक्रवार (10 मार्च) को राज्य की राजधानी रायपुर- बिलासपुर मार्ग पर स्थित ग्राम सोदरा में एक मकान कें कंस्ट्रक्शन के दौरान वहां पर पांडुवंशी काल की भगवान बुद्ध की पुरानी प्रतिमा मिली है.


गांव में मकान निर्माण के दौरान प्रतिमा मिलने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई. सूचना मिलने पर राज्य के पुरातत्व, पुरालेख और संग्रहालय विभाग के निदेशक विवेक आचार्य के निर्देश पर एक टीम करने पहुंची.  


क्या बोली निरिक्षण करने वाली टीम?
निरिक्षण के बाद उस टीम ने दावा किया, यह मूर्तिया पांडुकालीन हैं और बहुत ही कीमती हैं. पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने बताया, जहां पर ये मूर्तियां मिली हैं वो गांव रायपुर-बिलासपुर रोड से लगभग 16 किलोमीटर और रायपुर में सांकरा क्षेत्र से 2 किमी दूर पर मौजूद है, और यहां पर घर खुदाई के दौरान भगवान बुद्ध की मूर्ति को बरामद किया गया.


अधिकारियों ने कहा, बुद्ध की मूर्ति के माथे पर तिलक का निशान बना हुआ है जोकि इसे और अधिक अद्वितीय बनाता है और संकेत देता है कि यह मूर्ति ध्यानस्थ बुद्ध की है. उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध की मूर्ति अधूरी है और मूर्ति के ऊपरी हिस्से को त्रिस्तरीय तकनीक से विकसित किया गया है.


'बोधगया में भी पाई जाती हैं ऐसी मूर्तियां'
इस तकनीक से तैयार की गई भगवान बुद्ध की मूर्तियां छत्तीसगढ़ के सिरपुर और राजिम के साथ-साथ बिहार के बोधगया में भी उपलब्ध हैं. अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल पर निरीक्षण के दौरान और मूर्तियां भी मिली हैं, जिनकी ऐतिहासिकता के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. अधिकारी ने कहा, जहां से ये मूर्तियां मिली हैं, उनमें जो पुरावशेष हैं वह पांडुवंशी काल (6ठी से 9वीं शताब्दी ईस्वी) के प्रतीत होते हैं. 


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