मौसम विभाग के वैज्ञानिक आर के जनमनी ने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सोमवार को बारिश और तेज हवाए चलने का अनुमान है. जनमानी ने कहा कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर उत्तर की ओर दबाव बन रहा है जिसके कारण आज अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तेज बारिश हो सकती है. उन्होंने कल कहा था कि,"फिलहाल एक दबाव बन रहा है जो सोमवार सुबह यानी आज गहरे दबाव में तब्दील हो जाएगा और सोमवार शाम तक यह और तेज होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा. अगर यह चक्रवाती तूफान में बदला तो इसे चक्रवात आसनी के नाम से जाना जाएगा."


IMD के वैज्ञानिकों ने ANI से बातचीत करते हुए बताया कि शनिवार शाम तक दक्षिणपूर्व और दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर बना डिप्रेशन 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर की ओर बढ़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ तूफान के कारण पोर्ट ब्लेयर और आसपास के द्वीपों के बीच चलने वाले सभी जहाजों को समुद्र में जाने से रोक दिया गया है. साथ ही अगर कोई यात्री इस तूफान में फंसते हैं तो उनकी मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 03192-245555/232714 और टोल-फ्री नंबर 1-800-345-2714 जारी किया गया है. 


मौसम विभाग ने बताया कि तूफान अंडमान निकोबार के बाद उत्तर की बढ़ सकता है. उन्होंने कहा कि रविवार को इसकी इंटेंसिटी कं थी लेकिन 21 मार्च यानी आज को यह साइक्लोन में बदल जाएगा. वहीं 22 मार्च को उत्तर की दिशा में म्यांमार-दक्षिण पूर्व बांग्लादेश तटों के पास पहुंचेगा. 


मार्च में नहीं आया था ट्रॉपिकल साइक्लोन इस क्षेत्र में नहीं आया


मौसम विभाग के डायरेक्टर मृत्युंजय मोहापात्रा की माने तो मार्च के महीने में ज्यादातर साइक्लोन नहीं आते हैं. साल 1891-2022 के बीच इस महीने में अबतक केवल 8 साइक्लोन दर्ज किए गए हैं. जिसमें 2 अरब सागर में और 6 बंगाल की खाड़ी में बने हैं. उन्होंने कहा कि आसनी चक्रवात मार्च महीने में अंडमान-निकोबार द्वीप समूह से टकराने वाला पहला ट्रॉपिकल साइक्लोन चक्रवात बन सकता है. डायरेक्टर ने बताया कि इस महीने में 132 साल के एक बार भी ट्रॉपिकल साइक्लोन नहीं आया था. 


हाई अलर्ट पर आपदा प्रबंधन विभाग, तैयारियां जारी


चक्रवाती तूफान ‘आसनी’ के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तट तक पहुंचने के अनुमान के साथ, प्रशासन द्वीपसमूह में स्थिति से निपटने के लिए जरुरी व्यवस्था कर रहा है, जिसमें निचले इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा की जा रही है और सभी हितधारकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि निकाले गये लोगों को आश्रय देने के लिए बनाए गए अस्थायी शिविरों में भोजन, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था हो. खराब मौसम को देखते हुए नौ-परिवहन सेवाओं को तुरंत स्थगित करने के निर्देश दिए गए हैं. मछुआरों को अंडमान सागर और उससे सटे दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में न जाने की सलाह दी गई है.


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