आंध्र प्रदेश में TDP (तेलुगू देशम पार्टी) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने विपक्षी पार्टी YSR कांग्रेस पार्टी के सोशल मीडिया समर्थकों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ एक बड़ा अभियान छेड़ दिया है. सरकार का कहना है कि इन लोगों ने TDP नेताओं की "पत्नी और बेटियों" के खिलाफ अपमानजनक कंटेंट पोस्ट कर "सीमा पार" कर दी है. इस मामले को लेकर 6 से 12 नवम्बर के बीच राज्य पुलिस ने 680 नोटिस जारी किए, 147 मामले दर्ज किए और 49 लोगों को गिरफ्तार किया है.
ज्यादातर गिरफ्तारियां और मामले बीएनएस (बाहरी उकसाव) धाराओं के तहत दर्ज किए गए हैं, जिनमें कई समुदायों के बीच दुश्मनी बढ़ाने, मानहानि, सार्वजनिक शरारत, आपराधिक साजिश और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत मोर्फिंग और अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने के आरोप लगाए गए हैं. इंडियन एक्सप्रेस के सूत्र के मुताबिक, पुलिस ने कई जिलों में YSRCP कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों के सोशल मीडिया पोस्ट्स की जांच-पड़ताल की है.
विपक्षी सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई
YSRCP के प्रमुख सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें वर्र रवींद्र रेड्डी, इंटुरी रवि किरण, कालम हरिकृष्णा रेड्डी, पेदीरेड्डी सुदा रानी और मेका वेंकट रामी रेड्डी शामिल हैं. कर्नूल रेंज के DIG कोया प्रवीन ने रवींद्र रेड्डी की गिरफ्तारी पर कहा, "रवींद्र रेड्डी ने कई यूट्यूब चैनल चलाए हैं और TDP नेताओं के खिलाफ अपमानजनक और अश्लील सामग्री पोस्ट की है. उन्होंने महिलाओं के खिलाफ भी कई अपमानजनक और विवादास्पद पोस्ट्स किए हैं, जो समाज में अशांति फैला रहे हैं."
TDP के प्रवक्ता अनम वेंकट रामण रेड्डी ने कहा, "विपक्षी नेताओं के मजाक या कार्टून बनाना ठीक है, लेकिन उनकी परिवार की महिलाओं को निशाना बनाकर अश्लील और यौन अपमानजनक कंटेंट पोस्ट करना सीमा पार करना है. जब TDP सत्ता में आई थी, तब उसने इन सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं और उनके अपमानजनक पोस्ट्स को नजरअंदाज करने का फैसला लिया था. लेकिन इसके बावजूद इन लोगों ने अपनी हरकतें नहीं सुधारी और अब यह सोशल मीडिया का जंग महिलाओं तक पहुंच गया है."
YSRCP ने किया कार्रवाई की आलोचना
YSR कांग्रेस पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने इन गिरफ्तारियों की निंदा की और कहा कि TDP सरकार बदले की राजनीति कर रही है. वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने कहा, "सरकार सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को परेशान करने, अवैध गिरफ्तारी और धमकियों का सहारा ले रही है, जो संविधानिक अधिकारों का उल्लंघन है. यह सरकार लोकतंत्र को कमजोर करने और नागरिकों के मूल अधिकारों का उल्लंघन करने का प्रयास कर रही है." उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान लोकतंत्र की बजाय राजनीतिक प्रतिशोध पर केंद्रित है. आंध्र प्रदेश के जनसेना पार्टी प्रमुख पवन कल्याण ने भी गृह मंत्री की आलोचना की और उनके कामकाजी रवैये पर सवाल उठाए थे, जिससे राज्य में इस मुद्दे को लेकर गुस्सा बढ़ गया था.
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