नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश विधानसभा ने राज्य विधान परिषद को भंग करने का प्रस्ताव पारित किया है. सोमवार को राज्य विधानसभा में यह प्रस्ताव पारित किया गया. आंध्र प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल, चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) आंध्र विधानसभा के सोमवार के सत्र से दूर रही. प्रस्ताव अब आवश्यक कार्रवाई के लिए केंद्र को भेजा जाएगा. सदन को स्थगित कर दिया गया है.
यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब चंद दिन पहले वाईएसआर कांग्रेस सरकार राज्य की तीन राजधानी बनाने की अपनी योजना में उच्च सदन में विपक्षी टीडीपी का बहुमत होने के चलते विफल हो गई थी. राज्य की 175 सदस्यीय विधानसभा में शाम छह बजे हुए मत विभाजन के दौरान उपस्थित सभी 133 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया और संविधान के अनुच्छेद 169 (1) के तहत इसे आम सहमति से स्वीकार कर लिया गया.
विधानसभा अध्यक्ष ताम्मिनेई सीताराम ने घोषणा की कि राज्यों में विधान परिषदों के गठन या निरस्तीकरण से संबंधित अनुच्छेद 169 (1) के तहत प्रस्ताव को बहुमत से स्वीकार कर लिया गया. तेलुगू देशम पार्टी ने विधान परिषद को समाप्त करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कार्यवाही का बहिष्कार किया.
सिर्फ नौ सदस्यों के साथ, 58 सदस्यीय विधान परिषद में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस अल्पमत में है. वहीं विपक्षी टीडीपी के 28 सदस्य हैं. सत्तारूढ़ पार्टी 2021 में ही सदन में बहुमत प्राप्त कर सकती है, जब विपक्षी सदस्यों की संख्या अपने छह साल के कार्यकाल के बाद रिटायर हो जाएगी.
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