आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले में करीबन 4 लाख मुर्गों की मौत की खबर है. बताया जा रहा है कि ये मौतें महज 45 दिनों में हुई हैं. इसकी जानकारी मिलते ही पशुपालन विभाग सतर्क हो गया है.
विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार (5 फरवरी, 2025) को जानकारी देते हुए बताया कि ये मौतें किस वजह से हुई है, ये जानने के लिए हमने मुर्गों के सैंपल लेकर टेस्टिंग के लिए भेज दिए हैं. पशुपालन विभाग के डायरेक्टर दामोदर नायडू ने कहा, "सैंपल लेकर भोपाल की हाई सिक्योरिटी लैब और विजयवाड़ा में भेज दिए हैं, ताकि पता लगाया जा सके, कि इन मौतों की वजह क्या है?''
'लापरवाही से फैला संक्रमण'
न्यूज एजेंसी PTI से बात करते हुए दामोदर नायडू ने कहा, ''पशुपालक संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किए जाने वाले जैविक सुरक्षा उपायों को भी अपनाने से इनकार कर रहे हैं.'' उन्होंने आगे कहा, "कुछ पशुपालकों ने मृत पक्षियों को सड़क किनारे गड्ढा खोदकर दबा दिया था, तो वहीं कुछ मृत पक्षियों को नहर में दबा दिया गया. इन वजहों से भी संक्रमण तेजी से फैला और बड़ी संख्या में मुर्गों की मौत हो गई.''
'गंभीर लक्षणों में वैक्सीन काम नहीं करती'
इतनी बड़ी संख्या में हुई मुर्गों की मौत को लेकर पशुपालन विभाग के कुछ अधिकारियों का कहना है कि उन्हें आशंका है कि इन मौतों की वजह एवियन इन्फ्लूएंजा भी हो सकता है, क्योंकि भोपाल की लैब से भी एवियन इन्फ्लूएंजा की पुष्टि हो गई है. उनका कहना है कि एवियन इन्फ्लूएंजा के हल्के लक्षणों के लिए तो वैक्सीन है, लेकिन गंभीर लक्षणों पर वैक्सीन काम नहीं करती, इसलिए बेहतर होगा कि पोल्ट्री फॉर्म के संचालक बेहतर सुरक्षा उपाय अपनाए. और साफ-सफाई का भी ध्यान रखें
सरकार से मांगा मुआवजा
पोल्ट्री फार्म के संचालकों ने इतनी बड़ी संख्या में हुई मुर्गों की मौत को लेकर सरकार से मुआवजे की मांग की है. उनका कहना है कि लाखों मुर्गों की मौत से उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है. इसलिए दोबारा पोल्ट्री फार्म शुरू करने के लिए उन्हें लोन भी मिलना चाहिए.