कुरनूल: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाय एस जगनमोहन रेड्डी ने बुधवार को दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा संग्रहण परियोजना आधारशिला रखी. परियोजना को आंध्र प्रदेश के कुरनूल ज़िले में ग्रीनको ग्रुप द्वारा अंजाम दिया जा रहा है. 5230 मेगावाट की यह एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा संग्रहण परियोजना भारत में ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और विश्वस्तर पर एनर्जी ट्रांजिशन को सक्षम बनाएगी.
यह एक ही लोकेशन पर पवन एवं सौर क्षमताओं के साथ अपनी तरह की पहली ऊर्जा संग्रहण परियोजना है. 3.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ संचालित इस परियोजना में पम्प्ड संग्रहण (रोज़ाना के संग्रहण का 10800 मेगावाट), सौर (3000 मेगावाट) और पवन (550 मेगावाट) क्षमता शामिल है.
‘इस परियोजना के साथ इतिहास रचा जा रहा है’
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाय एस जगनमोहन रेड्डी ने कहा कि इस परियोजना के साथ इतिहास रचा जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश की यह परियोजना आने वाले दिनों में पूरे देश की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देगी. इससे फॉसिल फ्यूल के उपयोग को पीछे छोड़ नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा संग्रहण यूनिट की स्थापना के लिए ग्रीनको ग्रुप की सराहना की. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह परियोजना चौबीसों घंटे स्वच्छ ऊर्जा की परिकल्पना को प्रोत्साहित करेगी."
‘यह परियोजना दिखाएगी कि हरित ऊर्जा कैसे उत्पन्न की जाए’
जगनमोहन रेड्डी ने कहा, “हम हरित ऊर्जा तथा अर्थव्यवस्था के विकार्बनीकरण के लिए विशेष अवसर उपलब्ध कराएंगे. हमारे पास राज्य में 33000 मेगावाट क्षमता उपलब्ध है और यह परियोजना दिखाएगी कि हरित ऊर्जा कैसे उत्पन्न की जाए.”
इस अवसर पर अनिल चलमलासेट्टी, संस्थापक, सीईओ एवं एमडी, ग्रीनको ग्रुप ने कहा, ‘‘यह ग्रीनको के लिए बेहद गर्व का समय है कि हम ओद्यौगिक विकार्बनीकरण एवं ऊर्जा संक्रमण के लिए 24/7 डिस्पैच की जा सकने वाले नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों की विश्वस्तरीय महत्वाकांक्षा में अग्रणी हैं."
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