नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और राज्य को विशेष दर्जा दिये जाने समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास पर दोनों नेताओं के बीच हुई 90 मिनट की चर्चा के दौरान रेड्डी ने राज्य के विभाजन के बाद केंद्र पर बकाया केंद्रीय अनुदान को जल्दी से जल्दी जारी करने की मांग की.
सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा मुख्यमंत्री ने आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिये जाने की लबित मांग पर केंद्र की मंजूरी की मांग की. इसके अलावा उन्होंने पोलावरम सिंचाई परियोजना पर खर्च 3880 करोड़ की प्रतिपूर्ति की भी मांग की. सूत्रों ने बताया कि राज्य से विधान परिषद को समाप्त करने संबंधी विधानसभा में पारित प्रस्ताव पर संसद की मंजूरी की भी मांग रेड्डी ने प्रधानमंत्री से की. प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री के साथ पार्टी के कई सांसद भी थे.
आंध्र विधानसभा में पास हुआ था विधान परिषद को भंग करने का प्रस्ताव
बता दें कि आंध्र प्रदेश विधानसभा ने राज्य विधान परिषद को भंग करने का प्रस्ताव पारित किया था. प्रस्ताव अब आवश्यक कार्रवाई के लिए केंद्र को भेजा गया है. यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ जब वाईएसआर कांग्रेस सरकार राज्य की तीन राजधानी बनाने की अपनी योजना में उच्च सदन में विपक्षी टीडीपी का बहुमत होने के चलते विफल हो गई थी. सिर्फ नौ सदस्यों के साथ, 58 सदस्यीय विधान परिषद में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस अल्पमत में है. वहीं विपक्षी टीडीपी के 28 सदस्य हैं. सत्तारूढ़ पार्टी 2021 में ही सदन में बहुमत प्राप्त कर सकती है, जब विपक्षी सदस्यों की संख्या अपने छह साल के कार्यकाल के बाद रिटायर हो जाएगी.
5 डिप्टी सीएम और 3 राजधानी वाला देश का पहला राज्य आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश में तीन राजधानी के फॉर्मूले को विधानसभा से मंजूरी मिल गई थी. विशाखापत्तनम को कार्यकारी राजधानी, अमरावती को विधायी राजधानी और कुरनूल को न्यायिक राजधानी बनाया जाएगा. देश में इससे पहले किसी राज्य की अधिकतम दो राजधानियां रही है, लेकिन तीन राजधानी वाला आंध्र प्रदेश पहला राज्य बन गया है. बता दें कि हाल में ही प्रदेश की जगन मोहन सरकार की कैबिनेट मीटिंग में तीन राजधानियों से जुड़े बिल को मंजूरी दी गई थी जिसके बाद विधानसभा में इसे ध्वनि मत से पास कराया गया था.
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