नई दिल्ली: कोरोना के खतरे को देखते हुए पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 21 दिन तक अपने अपने घरों में रहें तभी कोरोना से निपटा जा सकता है. लेकिन इस खतरे के बीच पूरे देश में मजदूरों का बुरा हाल है. देश के हर राज्य से मजदूर पलायन कर रहे हैं.


वजह है कि काम नहीं है. काम नहीं है तो खाने और पीने में दिक्कत हो रही है. दरअसल ये जो भी मजदूर हैं वो सभी रोज कमा कर खाने वाले मजदूर हैं. ये ही वजह है कि हर कोई अपने-अपने घर लौटना चाहता है लेकिन घर जाने के लिए साधन नहीं मिल रहे हैं तो लोग पैदल ही अपने घरों की तरफ जा रहे हैं.


आंध्र प्रदेश प्रशासन को जानकारी मिली कि शुक्रवार को कुछ मजदूर मंगलोर में नंगिली टोल प्लाजा से पैदल आगे की तरफ बढ़ रहे हैं. ये आंध्र प्रदेश और कर्नाटका का बॉर्डर है. जानकारी मिलते ही आंध्र प्रदेश और कर्नाटका प्रशासन के लोग वहां पर पहुंचे और मजदूरों को समझाया गया कि देश में लॉकडाउन है आप आगे नहीं जा सकते हैं.


जब सभी की गिनती की गई तो वो 1334 मजदूर थे. दोनों राज्यों की सरकारों ने फैसला लिया कि इन मजदूरों की देखभाल करनी चाहिए. दोनों ने मिलकर एक ज्वाइंट क्वारंटाइन सेंटर बनाने का फैसला लिया और सभी को वहां शिफ्ट किया गया.


दोनों राज्यों की सरकारों ने ये सुनिश्चित किया कि सभी का कोरोना का टेस्ट करवाया जाएगा, सेंटर में डॉक्टर को उपलब्ध करवाया जाएगा, 12 डॉक्टर और 22 सुपरवाइजर को कैम्प में पहुंचने के लिए कहा गया है. इतना ही नहीं सभी के खाने पीने का ध्यान रखा जाएगा.


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