BR Naidu As New TTD Board Chairman: आंध्र प्रदेश सरकार ने नए तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड की घोषणा की है. बीआर नायडू को इसका नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. आंध्र प्रदेश सरकार में बुधवार को आदेश जारी कर नए बोर्ड की संरचना का ब्योरा दिया गया. बोर्ड में अन्य राज्यों के सदस्य शामिल हैं. नए बोर्ड में कर्नाटक से तीन तेलंगाना से पांच तमिलनाडु से दो तो वहीं गुजरात और महाराष्ट्र से एक-एक सदस्य शामिल हैं.


अनुभवी मीडिया उद्यमी बोलिनेनी राजगोपाल नायडू की बात करें तो वह हिंदू संस्कृति, मीडिया की स्वतंत्रता और सामाजिक कल्याण के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं. इस अध्यक्ष पद के लिए वह बहुत सारा अनुभव लेकर आए हैं. चित्तूर के साधारण किसान परिवार में जन्में बीआर नायडू का ग्रामीण परिवेश से लेकर सफल व्यवसायी बनने तक का सफर उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता है. बीएचईएल में करियर के बाद उन्होंने बिजनेस में कदम रखा और ट्रैवल, मीडिया और एफएमसीजी के कामों में सफल बिजनेस स्थापित किए. बीएचईएल में जनरल सेक्रेटरी के रूप में 12,000 कर्मचारियों को संभालते हुए नायडू ने हमेशा उनकी सफलता के लिए प्रयास किया. बीआर नायडू की पत्नी विजयलक्ष्मी ने भी लंबे समय तक उसी पीएसयू में काम किया. 


NTR के समर्थन में किया आंदोलन


नायडू ने बीएचईएल के कल्चरल सेक्रेटरी  के रूप में भी काम किया, जिससे बाद उनको एनटी रामाराव से मिलने का मौका मिला. रामाराव से राजनीति में शामिल होने का भी आग्रह किया था. इसके बाद नायडू ने “प्रजास्वामी पुनरुद्धार” आंदोलन में एक्टिव रूप से भाग लिया. ये आंदोलन 1983 में शुरू हुआ था, जब आंध्र प्रदेश की राजनीति पर संकट छाया हुआ था. ये आंदोलन एनटीआर को प्रदेश का सीएम बनाने के समर्थन में शुरू हुआ था. 


देशद्रोह समेत कई कार्रवाईयों से गुजरे नायडू


आंध्र प्रदेश में नायडू का टीवी पांच चैनल निष्पक्ष पत्रकारिता में सबसे आगे रहा है और लोगों के हितों की वकालत करता है. अमरावती राजधानी परियोजना के लिए भी उन्होंने मुखरता से अपनी बात रखी. पिछली सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ उनका रुख हमेशा से कड़ा रहा है और अपने इसी अडिग रुख के चलते उनको पिछली सरकारों की ओर से देशद्रोह समेत कई कार्रवाइयों का सामना करना पड़ा. 


टीटीडी अध्यक्ष के रूप में लिया संकल्प


नायडू ने टीटीडी अध्यक्ष के रूप में पारदर्शिता, जवाबदेही और तीर्थयात्रियों के कल्याण को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया है. उनका लक्ष्य पिछली गलतियों को सुधारना, मंदिर के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना और आम आदमी के लिए दर्शन को और अधिक सुलभ बनाना है. एक दूरदर्शी नेता और परोपकारी व्यक्ति के रूप में उनके सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड के साथ, नायडू की नियुक्ति से तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के लिए प्रगति और समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत होने की उम्मीद है.


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