नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार और केद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई में एक बार फिर ठन गई है. सीबीआई ने कहा है कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार रोधी जांच एजेंसी (एसीबी) को गुप्त जानकारी लीक की, जिसकी वजह से कई संदिग्ध फरार हो गए. सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा, ''आंध्र प्रदेश सरकार ने सीबीआई द्वारा जाल बिछाने की योजना की जानकारी अपने भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो को लीक की जबकि उससे जानकारी गुप्त रखने को कहा गया था.'' उन्होंने कहा, ''आंध्र भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो के कारण केवल एक संदिग्ध पकड़ में आया जबकि अन्य फरार हो गये.''


दरअसल, एक कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी की शिकायत के आधार पर सीबीआई को जीएसटी विशाखापट्टनम में तैनात एक अधिकारी को रंगे हाथ पकड़ना था. सीबीआई ने इस बाबत आंध्र प्रदेश सरकार को अति गोपनीय पत्र लिख कर अनुमति मांगी थी लेकिन परमीशन देने की जगह अपनी एसीबी से पकड़वा दिया. जिससे सीबीआई नाराज है.


आपको बता दें कि पिछले महीने आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने राज्य में सीबीआई की खुली एंट्री पर रोक लगा दी थी. यानि सीबीआई को अब आंध्र प्रदेश में अदालती आदेश वाले मामलों और केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ मामलों को छोड़कर बाकी सभी में किसी तरह की जांच के लिए आंध्र प्रदेश सरकार से अनुमति लेनी होती है. इससे पहले आंध्र प्रदेश में सीबीआई को कार्रवाई के लिए अनुमति नहीं लेनी होती थी.


नायडू के बाद अब ममता बनर्जी ने राज्य में CBI की खुली एंट्री रोकी, कहा- राजनीतिक हथियार बन चुकी है ये एजेंसी


इस साल मार्च में नरेंद्र मोदी नीत सरकार से संबंध तोड़ने के बाद से नायडू आरोप लगाते रहे हैं कि केन्द्र सीबीआई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने में कर रहा है.


पश्चिम बंगाल सरकार ने भी सीबीआई को अपने राज्य में छापे मारने और जांच करने के लिए दी गयी सामान्य रजामंदी वापस ले ली थी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तब कहा था, ‘‘चंद्रबाबू नायडू ने बिल्कुल सही किया है. बीजेपी अपने राजनीतिक हितों के लिए सीबीआई और अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है.’’