Public Meetings Rallies prohibits On Roads in Andhra: आंध्र प्रदेश में अब सड़कों पर सार्वजनिक सभाएं और रैलियां आयोजित नहीं की जाएंगी, क्योंकि राज्य सरकार ने जन-सुरक्षा का हवाला देते हुए इस पर रोक लगा दी है. सरकार ने यह फैसला पिछले हफ्ते मुख्य विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) की एक रैली में भगदड़ की दो घटनाओं के मद्देनजर लिया है.
बता दें कि पिछले सप्ताह कंदुकुरु में आयोजित एक रैली में भगदड़ के कारण 8 लोगों की जानें चली गई थी. जिसके बाद पुलिस अधिनियम-1861 के प्रावधानों के तहत सोमवार देर रात निषेधाज्ञा जारी की गई. सरकार ने अपने आदेश में कहा, "राष्ट्रीय राजमार्ग समेत विभिन्न सड़कों पर कोई सार्वजनिक सभा आयोजित करने का अधिकार पुलिस अधिनियम, 1861 की धारा 30 के तहत नियमन का विषय है, इसलिए आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों सहित सड़कों पर जनसभाओं और रैलियों के आयोजन पर रोक लगा दी है."
'अब सड़कों से दूर हों जनसभा'
शासनादेश में प्रधान सचिव (गृह) हरीश कुमार गुप्ता ने संबधित जिला प्रशासन और पुलिस तंत्र से "ऐसे स्थानों की पहचान करने के लिए कहा है जो जन सभाओं के लिए सार्वजनिक सड़कों से दूर हों, ताकि यातायात, लोगों की आवाजाही, आपात सेवाओं, आवश्यक सामान की आवाजाही आदि बाधित न हो." प्रधान सचिव ने कहा, "प्राधिकारियों को सार्वजनिक सड़कों पर जनसभाओं की अनुमति देने से बचना चाहिए. केवल विषम या असाधारण परिस्थितियों में ही सार्वजनिक सभाओं की अनुमति देने पर विचार किया जा सकता है और इसकी वजहें लिखित में दर्ज होनी चाहिए.’’
'लोगों की जान को खतरा होता है'
प्रधान सचिव (गृह) हरीश कुमार गुप्ता ने 28 दिसंबर को हुई कंदुकुरु की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि "सार्वजनिक सड़कों और सड़क किनारे सभाएं करने से लोगों की जान को खतरा होता है और यातायात भी बाधित होता है." उन्होंने कहा कि पुलिस को स्थिति काबू करने में काफी वक्त लगता है. लिहाजा, आंध्र प्रदेश सरकार ने जन सुरक्षा का हवाला देते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग समेत सड़कों पर जन सभाएं तथा रैलियां करने पर रोक लगा दी है. सरकार के इस फैसले की विपक्षी दल आलोचना कर रहे हैं.