हैदराबादः कोरोना वायरस संक्रमण का खौफ इस तरह फैला हुआ है कि कई इलाकों में लोग या तो किसी मरीज को अपने क्षेत्र में घुसने नहीं दे रहे या तो किसी मृतक के अंतिम क्रियाकर्म की इजाजत नहीं दे रहे हैं. ऐसा ही एक मामला आया है आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में. यहां एक शख्स की नवजात बेटी की जन्म के वक्त ही मौत हो गई थी और वो उसे अपने गांव के कब्रिस्तान में दफनाना चाहता था, लेकिन ग्रामीणों ने कोरोना संक्रमण के डर से इसकी इजाजत नहीं दी. इसके बाद पीड़ित शख्स ने शव को गांव की ही एक नहर में फेंक दिया.


नंद्याल अस्पताल में आ चुके कोरोना के कई मामले


पुलिस के मुताबिक मामला जिले के नंद्याल (Nandyal) ब्लॉक के चबोलु (Chabolu) गांव का है, जहां शनिवार 18 जुलाई को शम्श वली नाम के शख्स की पत्नी ने नंद्याल जनरल अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया था, लेकिन बच्ची की जन्म से पहले ही मौत हो गई थी.


वली नवजात बच्ची के शव को गांव के ही कब्रिस्तान में दफनाना चाहते थे. इसके लिए जब उन्होंने अपने गांव के वरिष्ठ लोगों से संपर्क किया तो उन्होंने इसकी इजाजत नहीं दी. उनको इस बात का डर था कि बच्ची में कोरोना संक्रमण हो सकता है. दरअसल, नंद्याल के इसी अस्पताल में कोरोना संक्रमण के कई मामले सामने आ चुके हैं.


पुलिस के समझाने के बाद किया दफन


इसके बाद पहले से दुखी शम्श वली ने निराश होकर शव को केसी नहर में फेंक दिया, जहां कुछ देर बाद स्थानीय लोगों ने नहर में शव को देखा और पुलिस को सूचित किया.


पुलिस के मुताबिक, शव पर लगे नाम टैग में लिखी हुई जानकारी के आधार पर उन्होंने पीड़ित शख्स से संपर्क किया, जिसने पूरी घटना के बारे में बताया. पुलिस ने इसके बाद ग्रामीणों को समझाकर शव को कब्रिस्तान में दफन करवाया. पुलिस ने इस घटना को लेकर की मामला दर्ज नहीं किया है.


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