Andhra Pradesh: आंध्र प्रदेश में कर्ज वसूली कंपनी ने मंत्री और पूर्व मंत्री को धमकाया, 4 लोन रिकवरी एजेंट गिरफ्तार
Andhra Pradesh Minister: नेल्लोर जिला पुलिस (Nellore Police) ने इस संबंध में चेन्नई से चार लोन वसूली एजेंटों (Loan Recovery Agents) के एक गिरोह को गिरफ्तार किया है.
Andhra Pradesh Minister Get Threats Calls: आंध्र प्रदेश में मंत्री को रिकवरी एजेंटों द्वारा उत्पीड़न करने का एक हैरान करने वाला मामला आया है. नेल्लोर (Nellore) ज़िले के सत्ताधारी पार्टी के मंत्री और एक पूर्व मंत्री (जो वर्तमान विधायक भी है) को लोन रिकवरी एजेंटों ने फ़ोन पर परेशान कर दिया. शिकायत पर पुलिस हरकत में आई और 4 लोगों को गिरफ्तार किया. मंत्री काकानी गोवर्धन रेड्डी (Kakani Govardhan Reddy) और विधायक अनिल यादव (Anil Kumar Yadav) के पास ऑनलाइन लोन एप (Loan App) रिकवरी एजेंटों के फोन आ रहे थे.
नेल्लोर जिला पुलिस (Nellore Police) ने इस संबंध में चेन्नई से चार लोन वसूली एजेंटों (Loan Recovery Agents) के एक गिरोह को गिरफ्तार किया है. इसके पास से लैपटॉप और कई मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं.
कर्ज वसूली कंपनी ने मंत्री को किया परेशान
पुलिस के मुताबिक, नेल्लोर शहर के अशोक कुमार ने लोन ऐप का इस्तेमाल कर 8.50 लाख रुपये का कर्ज लिया था और वो कर्ज नहीं चुका पाया. इसके बाद वसूली एजेंसी ने उन लोगों से संपर्क किया है, जो अशोक के मोबाइल फोन की संपर्क सूची में थे और इसी कड़ी में उन्होंने मंत्री काकानी गोवर्धन रेड्डी के नंबर पर फोन करना शुरू किया. इस बात से अनजान कि रेड्डी एक मंत्री हैं, वसूली एजेंट उन्हें फ़ोन पर धमकाते रहे और पैसों की मांग करते रहे.
4 लोन रिकवरी एजेंट गिरफ्तार
यहां तक मंत्री काकानी गोवर्धन रेड्डी (Kakani Govardhan Reddy) के निजी सहायक शंकरैया ने एजेंसी को 25,000 रुपये का भुगतान भी कर दिया. हालांकि, एजेंटों ने मंत्री के पीए (Minister PA) को परेशान करना जारी रखा. परेशान शंकरैया ने मुथुकुरु पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस अधीक्षक सी विजय राव ने बताया कि कार्रवाई करते हुए पुलिस की एक टीम ने चेन्नई में ऋण वसूली एजेंटों (Loan Recovery Agents) को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से लैपटॉप और चार मोबाइल फोन जब्त किए. इसी प्रकार वसूली एजेंट्स ने जगन सरकार के एक और पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक अनिल कुमार यादव को भी लोन चुकाने के लिए परेशान किया. उनका भी नंबर एजेंट्स ने लोन लेने वाले शख्स के मोबाइल से अवैध रूप से लिया था.
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