आंध्र प्रदेश: एलुरु के रहस्यमयी बीमारी के पीछे हो सकता है कोई रासायनिक पदार्थ, सामने आई ये जानकारी
मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों से चावल के नमूनों का फिर से परीक्षण करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.
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एलुरु: पूरा देश कोरोना वायरस से उबरने की कोशिश में जुटा है, लेकिन आंध्र प्रदेश का एलुरु शहर इसके अलावा एक रहस्यमयी बीमारी से भी जूझ रहा है. आखिर क्या है वो बीमारी? इस बीमारी की चपेट में अब तक करीब 500 लोग आ चुके हैं, लेकिन इसके पीछे की वजह क्या है?
इसको लेकर कुछ-कुछ संकेत मिलने लगे हैं. माना जा रहा है कि इस बीमारी के पीछे कोई रासायनिक पदार्थ हो सकता है, जो कीटनाशकों में इस्तेमाल होता है. हालांकि, ठोस नतीजे पर पहुंचने से पहले कुछ और लैबोरेटरी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. गौरतलब है कि इस बीमारी की वजह से एक शख्स दम भी तोड़ चुका है.
ऐसे में राज्य के मुख्यमंत्री वाइएस जगनमोहन रेड्डी ने मामले में चल रही जांच की प्रगति की समीक्षा की. शुक्रवार को अमरावती में चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा इस मामले की समीक्षा की गई. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पीने के पानी का अधिक से अधिक बार परीक्षण किया जाना चाहिए. उन्होंने विशेषज्ञों की टीम से परिणामों को बार-बार क्रॉस-चेक करने के लिए कहा ताकि कोई गलती न हो. आगे उन्होंने कहा कि जांच के लिए अभी जो कीटनाशक इस्तेमाल किया जा रहा है, उसका एक महीने तक परीक्षण किया जाना चाहिए. यह पुष्टि की जानी चाहिए कि क्या जल प्रदूषण इस बीमारी का कारण है.
मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों से चावल के नमूनों का फिर से परीक्षण करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. रेड्डी ने विशेषज्ञों से चावल के नमूनों का फिर से परीक्षण करने के लिए कहा.
इस बीमारी के चलते बीते शनिवार रात से लोगों को मिर्गी के दौरे पड़ने, बेहोश होने, घबराहट, उल्टी और पीठ दर्द जैसी समस्याएं होने लगीं. अधिकारियों के अनुसार बीमारी की चपेट में अब तक 505 लोग आए हैं, जिनमें से 450 से अधिक लोग ठीक हो गए हैं और कुछ अन्य का इलाज चल रहा है.
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