TDP In NDA: आगामी लोकसभा चुनाव के पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) अपना कुनबा बढ़ाने में लगा है. इस बीच कुछ समय से चर्चा है कि चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलगु देशम पार्टी (TDP) एक बार फिर गठबंधन में शामिल हो सकती है. अब चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार (15 अगस्त) को इस मामले पर जवाब दिया और कहा कि ये सही समय नहीं है और समय आने पर वे इस बारे में बात करेंगे.
15 अगस्त को विशाखापत्तनम में आयोजित एक कार्यक्रम में विजन-2047 डॉक्यूमेंट रिलीज करने के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से बात कर रहे थे. इस दौरान जब उनसे एनडीए में शामिल होने के प्लान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "एनडीए सरकार में शामिल होने के बारे में बात करने के लिए ये सही समय नहीं है. मैं सही समय पर इस बारे में बात करूंगा."
नाडयू ने की थी अमित शाह से मुलाकात
चंद्रबाबू नायडू एनडीए के संस्थापकों में रहे थे, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों के पहले उनकी पार्टी टीडीपी ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार करने के विरोध में खुद को गठबंधन से बाहर कर लिया था. अब एक बार फिर उनकी वापसी की चर्चा हो रही है. इसी साल जून की शुरुआत में जब उनकी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की खबरें आईं तो इन अटकलों को और बल मिला.
एएनआई ने बातचीत के दौरान चंद्रबाबू नायडू ने कहा, उनकी भूमिका 2024 के लिए स्पष्ट है. उन्होंने कहा, मेरी प्राथमिकता आंध्र प्रदेश है. ये मेरा सबसे बड़ा एजेंडा है. मैं राज्य के पुनर्निमाण और पुनर्गठन के बारे में तैयारी करूंगा.
अमरावती के मुद्दे पर बोले नायडू
अमरावती राजधानी के मुद्दे पर नायडू, "आप (सीएम जगन मोहन रेड्डी) विधानसभा में बैठे हैं. आप सचिवालय में बैठे हैं. आप कैबिनेट बैठक कहां कर रहे हैं? क्या यह अस्थायी है? जगन मोहन रेड्डी क्या बकवास कर रहे हैं. वे पिछले दस वर्षों से, वे काम कर रहे हैं. सब कुछ तैयार हो गया. हमने आंध्र प्रदेश के लिए विश्व स्तरीय राजधानी की योजना बनाई. मैंने नौ वर्षों के लिए व्यवस्थित रूप से हैदराबाद के लिए सबसे अच्छे पारिस्थितिकी तंत्र में से एक की योजना बनाई."
जून 2024 में आंध्र प्रदेश का विभाजन हो गया था और दो राज्य आंध्र प्रदेश और तेलंगाना बने थे. उस समय हैदराबाद तेलंगाना की राजधानी बना था और कहा गया था कि आंध्र प्रदेश को 10 सालों के भीतर अपने लिए नई राजधानी खोजेगा. तब तक के लिए हैदराबाद को दोनों राज्यों के लिए राजधानी के रूप में काम करेगा.
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