Tirupati Controversy: 'तिरुपति में लड्डुओं की पवित्रता फिर बहाल', तिरुमाला बोर्ड ने जारी किया बयान
Tirupati Laddu Controversy: दरअसल, तिरुपति बालाजी में प्रसाद वाले लड्डी में घी के साथ मछली और अन्य जानवरों की वसा के इस्तेमाल का पता चलने पर मंदिर ट्रस्ट ने प्रसाद के लिए लड्डू पर रोक लगा दी थी.
Tirupati Laddu Controversy Latest News : तिरुपति बालाजी में श्रीवारी लड्डू प्रसादम यानी प्रसाद में लड्डू फिर से मिलने लगा है. मंदिर ट्रस्ट ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिये बताया कि यहां श्रीवारी लड्डू प्रसादम की पवित्रता फिर से बहाल हो गई है.
बता दें कि तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवरों की चर्बी वाले तेल का इस्तेमाल होने का पता चलने के बाद से आंध्र प्रदेश में बवाल मचा हुआ है. यहां टीडीपी और बीजेपी इस अपराध के लिए लगातार जगन मोहन रेड्डी सरकार पर हमले कर रही है. विवाद बढ़ने के बाद लड्डू के प्रसाद के रूप में वितरण पर रोक लगा दी गई थी.
The Sanctity of Srivari Laddu Prasadam is Restored Again#SrivariLaddu#TirumalaLaddu#LadduPrasadam#TTD#TTDAdministration #TTDevasthanams pic.twitter.com/ytHdrpyDGh
— Tirumala Tirupati Devasthanams (@TTDevasthanams) September 20, 2024
लैब रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा
टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने दावा किया कि प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की ओर से उपलब्ध कराए गए घी के नमूनों में गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला द्वारा मिलावट की पुष्टि की गई है. उन्होंने कथित लैब रिपोर्ट दिखाई, जिसमें दिए गए घी के नमूने में “पशु की चर्बी”, “लार्ड” (सूअर की चर्बी से संबंधित) और मछली के तेल की मौजूदगी का भी दावा किया गया है. नमूने लेने की तारीख नौ जुलाई, 2024 थी और लैब रिपोर्ट 16 जुलाई की थी.
कौन करता है मंदिर का प्रबंधन
आंध्र प्रदेश सरकार या तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी), जो प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करता है, की ओर से हालांकि प्रयोगशाला रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई. वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य वाई.वी. सुब्बा रेड्डी ने कहा कि नायडू के आरोपों से देवता की पवित्र प्रकृति को नुकसान पहुंचा है और भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंची है.