Andhra Pradesh की महिला ने पुलिस हिरासत में मारपीट करने का लगया आरोप, कहा- अंधेरे कमरे में ले जाकर किया गया प्रताड़ित
Police Brutality in Andhra Pradesh: पुलिस उप निरीक्षक श्रीनिवास राव ने महिला द्वारा लगाए सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि उनके बयानों में "कोई सच्चाई नहीं" है.
Police Brutality Claims: आंध्र प्रदेश के चित्तूर में शनिवार को एक महिला ने दावा किया कि उसके साथ पुलिस थाने में पिटाई की गई. दरअसल महिला को चोरी के आरोप में पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया था. इसी दौरान कथित तौर पर पुलिस ने उसे प्रताड़ित किया है.
मामला तब सामने आया जब तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने ट्विटर पर इस महिला का एक वीडियो शेयर किया, वीडियो में महिला ने कहा कि वह पिछले एक साल से उप-जेल अधीक्षक वेणुगोपाल रेड्डी के घर में नौकरानी के रूप में काम कर रही थी. इन अधिकारियों ने उसपर 2 लाख रुपये नकद की चोरी करने का आरोप लगाया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. महिला ने कहा कि गरफ्तारी के दौरान पुलिस अधिकारियों ने उन्हें परेशान किया, उस पर चोरी के आरोप को स्वीकार करने के लिए दबाव डाला गया. जो उसके खिलाफ मालिक द्वारा लगाया गया झूठा आरोप था.
उसी वीडियो में पीड़िता उमामाहेश्वरी ने कहा, "पुलिस ने मुझे परेशान किया. मेरे खिलाफ गंदी भाषा का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने मुझे थाने के एक अंधेरे कमरे में ले जाकर मेरे साथ मारपीट की और प्रताड़ित किया. इसके अलावा महिला ने कहा पुलिस ने मुझे देर रात तक घर लौटने की अनुमति भी नहीं दी." महिला ने कहा कि उसे थर्ड डिग्री टॉर्चर के बाद छोड़ दिया गया. पुलिस स्टेशन से निकलने के बाद उसके पति और मां उसे सरकारी अस्पताल ले गए, जहां उसे भर्ती कराया गया. वहीं महिला ने वीडियो में सारी बातें बताते हुए जांच की मांग की और उन लोगों के खिलाफ प्रतिशोध की मांग की जिन्होंने उसे प्रताड़ित किया.
पुलिस उप निरीक्षक ने आरोपों से किया इनकार
हालांकि फोन पर ANI के साथ बातचीत में इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, पुलिस उप निरीक्षक श्रीनिवास राव ने महिला द्वारा लगाए सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि उनके बयानों में "कोई सच्चाई नहीं" है. वहीं चित्तुर पुलिस ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया, "वेणुगोपाल रेड्डी अपने घक में काम करने वाली महिला उमामहेश्वरी के खिलाफ उनके घर पर 2 लाख की चोरी में शामिल होने का संदेह दर्ज कराया था. शिकायत के आधार पर, पुलिस जांच शुरू हुई. उन्हें एक औपचारिक नोटिस भेजकर, पुलिस ने स्टेशन पर आमंत्रित किया और पूछताछ की. रिलीज में कहा गया कि महिला ने बिना किसी दवाब के स्वीकार किया कि उसने पैसे लिए हैं."
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